नागरिकता संशोधन बिल पर भड़के ओवैसी, कहा- Art 14, 21 का उल्लंघन, महात्मा गांधी-आंबेडकर का घोर अपमान
कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिलने के बाद अब इस बिल को पहले लोकसभा फिर में पास कराया जाएगा. विवादों में आने के बाद इस बिल पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया है.
नई दिल्ली:
नागरिकता संशोधन बिल को मोदी सरकार ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में इस विधेयक को पास किया. इसके बाद से यह बिल फिर से चर्चा में आ गया है. इस पर काफी वाद-विवाद होने लगा है. कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिलने के बाद अब इस बिल को पहले लोकसभा फिर में पास कराया जाएगा. विवादों में आने के बाद इस बिल पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया है.
ओवैसी ने इस बिल को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अगर मीडिया रिपोर्ट सही है कि पूर्वोत्तर के राज्यों को प्रस्तावित नागरिकता संशोधन बिल से बाहर किया गया है तो अनुच्चेद 14 का घोर उल्लंघन है. जो कि एक मौलिक अधिकार है. इस राज्य को इससे बाहर किया गया है. उन्होंने कहा कि देश के नागरिकता को लेकर आपके पास दो कानून नहीं हो सकते हैं. ओवैसी ने कहा कि यह देश धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है. यह भारतीय संविधान में लिखा गया है. अगर केंद्र सरकार देश को धार्मिक देश बनाना चाहते हैं तो यह उन पर निर्भर है.
नागरिकता संशोधन विधेयक अगर भारत में लागू हो जाता है तो देश की स्थिति धर्मशासित देश की हो जाएगी. नागरिकता बिल संविधान अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है. क्योंकि केंद्र सरकार धर्म के आधार पर नागरिकता दे रही है. जो दोनों अनुच्छेद 14 और 21 का घोर उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि अगर हमलोग इस बिल को पास होने देते हैं तो यह महात्मा गांधी और आंबेडकर का घोर अपमान होगा. जो संविधान के निर्माता हैं.
इसके आगे असददुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल लाना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान होगा. क्योंकि आप टू नेशन थ्योरी को पुर्नजीवित करने जा रहे हैं. एक भारतीय मुसलमान होने के नाते मैंने जिन्ना के थ्योरी को नकार दिया था. अब आप एक कानून बना रहे हैं, जिसमें दुर्भाग्य से आप दो राष्ट्र सिद्धांत की याद दिला रहे होंगे.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद मोदी कैबिनेट ने अब बुधवार को नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी दे दी. बताया जा रहा है कि इसी हफ्ते इसे संसद में पेश किया जा सकता है. दूसरी ओर, विपक्ष इस बिल का कड़ा विरोध कर रहा है. विपक्ष के साथ बिहार में बीजेपी की सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेडभी इस बिल के खिलाफ है. बताया जा रहा है कि इस बिल पर संसद में रार मच सकती है.
कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने बुधवार को बताया कि उनकी पार्टी नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करेगी, क्योंकि इस बिल के माध्यम से नागरिकों को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश हो रही है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी इस बिल का कड़ा विरोध किया है. राजद नेता मनोज झा (Manoj Jha) का कहना है कि इस मुल्क को इज़रायल ना बनने दें, इसे गांधी का हिंदुस्तान ही रहने दें
Asaduddin Owaisi,AIMIM:Bringing CAB will be a dishonour to our freedom fighters because you will be reviving the two nation theory. As an Indian Muslim I rejected Jinnah's theory now you are making a law wherein unfortunately you will be reminding the nation of two nation theory. pic.twitter.com/HpGip9zFZ7
— ANI (@ANI) December 4, 2019
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