logo-image

साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ मोदी सरकार की कार्रवाई धोखा है- असदुद्दीन ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी साध्वी प्रज्ञा पर निशाना साधा है

Updated on: 28 Nov 2019, 11:52 AM

नई दिल्‍ली:

नाथुराम गोडसे को देशभक्त बताने के बाद मध्य प्रदेश के भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद प्रज्ञा ठाकुर को विवादों का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ जहां इस मुद्दे को लेकर संसद में विपक्ष हंगामा कर रहा है तो वहीं केंद्र सरकार ने साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से हटा दिया है. वहीं बताया जा रहा है कि बीजेपी उन्हें पार्टी से निलंबित भी कर सकती है.

इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी साध्वी प्रज्ञा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस तरह का बयान दिया है. यह दिखाता है कि वो गांधी और उनके समर्थकों की दुश्मन है. इसके साथ ही ओवैसी ने ये भी कहा कि जो एकश्न हुआ वो केवल आंखो का धोखा है.

यह भी पढ़ें: गोडसे के बयान पर साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ कार्रवाई, रक्षा मंत्रालय की समिति से हटाई गईं, सस्पेंड कर सकती है पार्टी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साध्वी प्रज्ञा पर निशाना साधते हुए ट्वीट भी किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'आतंकी प्रज्ञा ने आतंकी गोडसे को देशभक्त बताया भारतीय संसद के इतिहास में सबसे दुखद दिन'.

यह भी पढ़ें: Parliament Live: प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर संसद में हंगामा, सरकार ने दी सफाई

बता दें, प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने ये बयान बुधवर को उस समय दिया जब एसपीजी संशोधन बिल पर बहस चल रही थी. द्रमुक सांसद ए. राजा ने बहस के दौरान महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े नाथूराम गोडसे के बयान का हवाला दिया. यह सुनते ही बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर खड़ीं होकर चीख पड़ीं. उन्होंने गोडसे को देशभक्त बताते हुए ए. राजा के बयान का विरोध किया. इस पर हंगामा हुआ और लोकसभा की कार्यवाही से उनके बयान को हटा दिया गया.

इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताकर विवाद पैदा किया था. उस दौरान पार्टी ने उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा था. सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी सदन में भी नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार देने वाले बयान के बाद साध्वी प्रज्ञा पर कार्रवाई की गई है. बताया जा रहा है कि सरकार ने उन्हें रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति से हटा दिया है. जानकारी के मुताबिक उन्हें पार्टी से भी सस्पेंड किया जा सकता है.