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अटल सरकार में ही अपना डंका बजा चुके थे अरुण जेटली, एक साथ संभाले थे 4 बड़े मंत्रालय

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राम जेठमलानी द्वारा देश के कानून, न्‍याय और कंपनी अफेयर मंत्रालय छोड़ने के बाद अरुण जेटली को इन सभी मंत्रालयों का अतिरिक्‍त कार्यभार सौंप दिया गया था.

Updated on: 24 Aug 2019, 03:15 PM

नई दिल्ली:

देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता अरुण जेटली इस दुनिया में नहीं रहे. उन्होंने 66 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में शनिवार (24 अगस्त) दोपहर करीब 12:07 बजे आखिरी सांस ली. अपने बिगड़ते स्वास्थ्य की वजह से ही अरुण जेटली ने 2019 लोकसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लिया. देश के लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी चुनाव से दूर रहने वाले जेटली को लगातार दूसरी बार कैबिनेट में बड़ी जिम्मेदारी देना चाहते थे लेकिन जेटली ने पीएम को किसी भी प्रकार का पद लेने से मना कर दिया था.

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28 दिसंबर 1952 को नई दिल्‍ली के नारायणा विहार में जन्मे अरुण जेटली ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में एक शक्तिशाली वित्तमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया. उन्होंने मोदी सरकार में (2014-2019) अपने कार्यकाल में नोटबंदी और जीएसटी जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए. जेटली ने केवल मोदी सरकार में ही नहीं बल्कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी देश को शक्तिशाली बनाने में अहम योगदान दिया.

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अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राम जेठमलानी द्वारा देश के कानून, न्‍याय और कंपनी अफेयर मंत्रालय छोड़ने के बाद अरुण जेटली को इन सभी मंत्रालयों का अतिरिक्‍त कार्यभार सौंप दिया गया था. स्वतंत्र प्रभार का कामकाज संभालते हुए अरुण जेटली ने अपनी कर्मठता और जुझारूपन से सभी को प्रभावित किया. यही वजह थी कि उन्हें लोकसभा चुनाव 1999 में एनडीए को मिली जीत के बाद अटल सरकार के कैबिनेट में कानून, न्‍याय और कंपनी अफेयर के साथ-साथ शिपिंग मंत्रालय भी सौंप दिया गया था.