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स्वदेशी स्कॉर्पिन पनडुब्बी ने टॉरपीडो परीक्षण किया, गाइडेड हथियारों से वार करने में सक्षम

देश के रक्षामंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि स्वदेशी स्कॉर्पिन श्रेणी की पनडुब्बी ने सफलतापूर्वक टॉरपीडो फायर किया।

Updated on: 28 May 2017, 12:13 AM

नई दिल्ली:

देश के रक्षामंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि स्वदेशी स्कॉर्पिन श्रेणी की पनडुब्बी ने सफलतापूर्वक टॉरपीडो फायर किया। उन्होंने इस सफलता के लिए वैज्ञानिकों व इंजीनियरों को बधाई दी। रक्षा मंत्री ने कहा कि पनडुब्बी को भारतीय नौसेना में शामिल करने से पहले यह सबसे प्रमुख परीक्षण था।

अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त स्कॉर्पिन चकमा देने में माहिर है और गाइडेड हथियारों के माध्यम से दुश्मनों पर वार करने में सक्षम है। स्कॉर्पिन पानी के अंदर तथा सतह पर टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल के माध्यम से वार कर सकता है।

रक्षा मंत्री ने ने ट्वीट कर कहा कि स्कॉर्पिन श्रेणी की पहली पनडुब्बी कलवरी ने सफलतापूर्वक टॉरपीडो परीक्षण किया। उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि किस टॉरपीडो का परीक्षण किया गया।

उन्होंने कहा, 'पहली स्वदेशी स्कॉर्पिन श्रेणी की पनडुब्बी द्वारा टॉरपीडो के सफल परीक्षण की वैज्ञानिकों व इंजीनियरों को बधाई।'

मंत्री ने ट्वीट किया, 'स्वदेश निर्मित यह स्टील्थ पनडुब्बी भारतीय नौसेना की पानी के भीतर की क्षमता में इजाफा करेगी।'

उल्लेखनीय है कि छह स्कॉर्पिन पनडुब्बियों में से पहली कलवरी से दो मार्च को एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण किया गया था।

स्कॉर्पिन पनडुब्बी का निर्माण फ्रांस के डीसीएनएस द्वारा प्रौद्योगिकी स्थानांतरण के साथ प्रोजेक्ट 75 के तहत मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड द्वारा किया गया था। दो पनडुब्बियां तैयार हैं, जबकि चार अन्य का निर्माण चल रहा है।

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कलवरी का समुद्र में ट्रायल चल रहा है और साल 2017 के मध्य में इसके नौसेना में शामिल होने की उम्मीद है। दूसरी पनडुब्बी खंडेरी को इस साल 12 जनवरी को लॉन्च किया गया था, जिसे बंदरगाह व समुद्र की सतह पर कठिन परीक्षणों के दौर से गुजरना होगा, जिसके बाद उसे पानी के नीचे उतारा जाने के बाद नौसेना में शामिल किया जाएगा।