राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा होते ही सामने आने लगी संतों की नाराजगी, परमहंस दास अनशन पर बैठे
मोदी सरकार के फैसले से नाराज होकर अयोध्या में तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास (Mahant Paramhans Das) अनशन पर बैठ गए हैं.
नई दिल्ली:
मोदी सरकार (Modi Sarkar) द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) की घोषणा करने के बाद अब विरोध और नाराजगी भी सामने आने लगी है. मोदी सरकार के फैसले से नाराज होकर अयोध्या में तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास (Mahant Paramhans Das) अनशन पर बैठ गए हैं. उन्होंने आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) को ट्रस्ट का परम अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है. उधर, दिगम्बर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने गुरुवार को संतों की बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी.
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संत महंत सुरेश दास ने कहा कि सरकार ने संतों का अपमान किया है. हमने बैठक बुलाई है, जिसमें सारे संत शामिल होंगे बैठक में आगे की कार्यवाही करेंगे. अगर जरूरत हुई तो आंदोलन भी करेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कहा था कि नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा.
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास (Mahant Paramhans Das) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत को ट्रस्ट का परम अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है. इस मांग को लेकर वे बिलारीडीह शिव मंदिर पर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए हैं. उनका कहना है कि जब तक संघ प्रमुख को ट्रस्ट का अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा, वे अनशन पर बैठे रहेंगे.
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उनका कहना है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत को ट्रस्ट के ऊपर रखा जाए. चूंकि आरएसएस राष्ट्रवादी विचारधारा रखता है, संघ प्रमुख का सम्मान होना चाहिए. ट्रस्ट का परमाध्यक्ष के रूप में संघ प्रमुख का सम्मान रखा जाए. उन्होंने कहा कि परासरन बहुत अच्छे व्यक्ति हैं, लेकिन ट्रस्ट का परमाध्यक्ष मोहन भागवत को ही बनाया जाए.
मोदी सरकार द्वारा गठित ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे. 9 सदस्य स्थायी और 6 नामित होंगे. यही ट्रस्ट अयोध्या (Ayodhya) में भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण कराएगा. के. परासरन ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे.
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मोदी सरकार ने इन्हें दी है ट्रस्ट में जगह
- वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण
- जगदगुरु शंकराचार्य ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज (इलाहाबाद),
- जगदगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज (उडुपी के पेजावर मठ से)
- युगपुरुष परमानंद जी महाराज (हरिद्वार), स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज (पुणे)
- विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या)
- डा. अनिल मिश्रा, होम्योपैथिक चिकित्सक, अयोध्या
- कामेश्वर चौपाल, अनुसूचित जाति के सदस्य के रूप में
- महंत दिनेंद्र दास, निर्मोही अखाड़ा, अयोध्या
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इनके अलावा दो प्रमुख हिंदू नामित सदस्यों के नामों पर सदस्य बहुमत से फैसला लेंगे. एक हिंदू प्रतिनिधि को केंद्र सरकार मनोनीत करेगी, जो आईएएस सेवा से होगा और भारत सरकार में संयुक्त सचिव स्तर या उससे नीचे के रैंक का नहीं होगा. यह प्रतिनिधि पदेन होगा. एक हिंदू प्रतिनिधि को उत्तर प्रदेश सरकार मनोनीत करेगी. प्रतिनिधि ऐसा आईएएस अधिकारी होगा जो उत्तर प्रदेश सरकार में सचिव पद से नीचे के रैंक का न हो. अयोध्या के जिला कलेक्टर पदेन ट्रस्टी होंगे, जो हिंदू होंगे. यदि अयोध्या का जिला कलेक्टर हिंदू न हो तो अतिरिक्त कलेक्टर, जो हिंदू हो उसे पदेन सदस्य बनाया जाएगा. राम मंदिर परिसर के विकास एवं प्रशासन से संबंधित समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति न्यासी प्रतिनिधिमंडल करेगा. अध्यक्ष एक हिंदू होगा जो पदेन सदस्य भी होगा.
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