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चक्रवाती तूफान 'फेथाई' का कहर, ईस्ट गोदावरी में 5,000 से ज्यादा किसान प्रभावित

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि पूर्वी गोदावरी जिले में 17 मंडल तूफान से प्रभावित हैं वहीं 5,602 किसान प्रभावित हो चुके हैं. जिले में 37 घरों को नुकसान पहुंचा है.

Updated on: 18 Dec 2018, 05:37 PM

हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश में चक्रवाती तूफान 'फेथाई' ने कई इलाकों में तबाही मचा रखी है. राज्य के तटीय इलाकों में हजारों किसान और हजारों एकड़ की फसलें प्रभावित हुई हैं. काकीनाड़ा शहर और पूर्वी गोदावरी जिले के कई हिस्सों में विद्युत आपूर्ति ठप हो चुकी है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि पूर्वी गोदावरी जिले में 17 मंडल तूफान से प्रभावित हैं वहीं 5,602 किसान प्रभावित हो चुके हैं. जिले में 37 घरों को नुकसान पहुंचा है और 28 घरों को मामूली नुकसान हुआ है. 2,179 हेक्टेयर में धान की फसलें और 30 हेक्टेयर में बागबानी को नुकसान पहुंचा है.

इसके अलावा उन्होंने कहा, 'राज्य के 14 मंडलों में बिजली की आपूर्ति दोबारा शुरू कर दी गई है. 187 राहत शिविरों को स्थापित किया गया है. 32,000 लोगों को भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. मोबाईल कनेक्टिविटी भी दोबारा शुरू हो गई है. पूर्वी गोदावरी और कृष्णा प्रशासन ने स्थिति को घंटों में नियंत्रण में कर लिया.'

समाचार एजेंसी एएनआई से राज्य के दरयातिप्पा गांव में एक किसान ने बताया, 'मैंने 5 एकड़ जमीन में धान की फसल लगाई थी और करीब 1 लाख रुपये खर्च किए थे. पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. हम समय पर अपनी फसल नहीं काट पाए. अपने खेत में मैंने सबकुछ खो दिया. हम अपनी बची हुई फसलों को खेत से निकाल रहें हैं अगर इससे कुछ भी बच सके. मैंने फसलों को बोने के लिए कर्ज लिया था और अब चिंतित हूं कि कैसे यह चुकाया जाएगा.'

वहीं एक और किसान अर्जुनराव ने बताया, 'हमारे पास 3 एकड़ की जमीन है जिसमें धान उगाया था. हम फसले काटने ही वाले थे लेकिन भारी बारिश सबकुछ बर्बाद कर दिया. दो दिनों की लगातार बारिश ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया. आधी से ज्यादा फसलें बर्बाद हैं. अनुमान है कि करीब 40,000 रुपये का नुकसान हुआ है. मैं और मेरा परिवार बची हुई फसलों को बचाने में लगे हैं ताकि कुछ भी बचाया जा सके.'

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एक महिला किसान नागमणि ने बताया कि बेमौसम बारिश ने उसकी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा, 'हमनें करीब 70,000 रुपये फसलों में लगाए थे. अगर हम फसलों को सूखाने की कोशिश करते हैं तो एक तिहाई धान को बचाया जा सकता है. देखना होगा कि सरकार हमारी कितनी मदद करती है.'

इससे पहले सोमवार को तूफान फेथाई के कारण तटीय इलाकों के शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया था. साथ ही प्रशासन ने लंबी दूरी की बस सेवाओं को भी निलंबित कर दिया था और कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया था. प्रशासन ने मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी थी.

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