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राफेल विमान को भारतीय आसमान से ही बड़ा खतरा, चिंतित वायुसेना ने पत्र लिख किया आगाह

भारतीय वायुसेना इस अत्याधुनिक विमान की सुरक्षा को लेकर खासी चिंतित है. उसकी चिंता की वजह दुश्मन देश या तकनीक नहीं, बल्कि अंबाला के आसमान में उड़ते कबूतर हैं.

Updated on: 07 Jul 2019, 08:39 AM

highlights

  • अंबाला के आसमान में उड़ते कबूतरों को लेकर वायुसेना ने जताई चिंता.
  • पिछले दिनों अंबाला से ही उड़ाने भरने वाला जगुआर पक्षी से टकरा हो गया था क्षतिग्रस्त.
  • अंबाला में ही बनाया जा रहा है आधुनिक राफेल का एयरबेस.

नई दिल्ली.:

लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तूफान खड़ा कर चुके राफेल को लेकर एक और बड़ी खबर आ रही है. भारतीय वायुसेना इस अत्याधुनिक विमान की सुरक्षा को लेकर खासी चिंतित है. उसकी चिंता की वजह दुश्मन देश या तकनीक नहीं, बल्कि अंबाला के आसमान में उड़ते कबूतर हैं. चूंकि हरियाणा के अंबाला में ही राफेल का एयरबेस प्रस्तावित है, तो वायुसेना की चिंता वाजिब भी है. हालांकि वायुसेना ने जिले के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर समय रहते इस बड़ी समस्या से निजात दिलाने की पुख्ता योजना बनाने को कहा है. गौरतलब है कि गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस के लिए भी आसमान में उड़ते पक्षी गंभीर समस्या बने हुए हैं.

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अंबाला में एयरबेस के पास कबूतरों की संख्या बढ़ी
एएनआई की खबर के मुताबिक वायु सेना के सूत्रों ने बताया कि अंबाला वायुसेना स्टेशन के पास रह रहे लोगों में बीते कुछ समय से कबूतर पालने का शौक बढ़ा है. अब ये कबूतर ही उन्नत लड़ाकू विमानों के लिए खतरा बन रहे हैं. खासकर राफेल के एयरबेस के लिए अंबाला स्टेशन को चुने जाने के बाद से वायुसेना ने कबूतरों और आसमान में उड़ते अन्य पक्षियों को लेकर गंभीरता जाहिर की है. सूत्रों के मुताबिक वायु सेना नहीं चाहती कि एयरफील्ड के आसपास किसी को भी कबूतर पालने की इजाजत दी जाए. इसके लिए ही वायुसेना ने जिले के अधिकारियों को पत्र लिखा है.

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क्या कहते हैं नियम
गौरतलब है कि आसमान में उड़ते पक्षियों पर लगाम कसने के लिए वायुसेना के एयरबेस के 10 किमी के इलाके में मांस की दुकानों या बूचड़खाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है. इसके बावजूद पर्याप्त सख्ती नहीं होने से मांस की दुकानों समेत बूचड़खाने भी खुल जाते हैं. हिंडन एय़रबेस के पास स्थित लोनी इसका एक बड़ा उदाहरण है. भारतीय वायुसेना समय-समय पर इसके लिए संबंधित जिले के अधिकारियों को पत्र लिखकर इस संबंध में जरूरी कार्रवाई करने का आग्रह करती रहती है.

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जगुआर हो चुका है पक्षी का शिकार
पिछले दिनों वायुसेना का जगुआर लड़ाकू विमान भी पक्षी के टकरा जाने से दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा था. यह अलग बात है कि पायलट ने दुर्घटना को टालने के लिए फ्यूल टैंक ड्रॉप कर दिए थे. बाद में अंबाला एयरबेस पर ही जगुआर की आपात लैंडिंग कराई गई थी. इस विमान के फ्यूल टैंक से उठती आग की लपटों का वीडियो वायुसेना ने अपनी टि्वटर हैंडल पर शेयर भी किया था. इस हादसे से सबक लेते हुए वायुसेना राफेल की आपूर्ति से पहले अंबाला एय़रस्पेस को आसमान में उड़ते पक्षियों खासकर कबूतरों से खाली कराना चाहती है.