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अजमेर ब्लास्ट: साध्वी प्रज्ञा और इंद्रेश कुमार को एनआईए की क्लिनचिट, असीमानंद पहले ही हो चुके हैं बरी

अजेमर ब्लास्ट मामले में एनआईए से आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा को क्लिनचिट मिल गई है।

Updated on: 03 Apr 2017, 06:47 PM

highlights

  • अजेमर ब्लास्ट मामले में आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा को क्लीनचिट
  • एनआईए ने कहा, इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ कोई सबूत नहीं
  • 2007 अजमेर ब्लास्ट में 3 मौत और 15 घायल हुए थे

नई दिल्ली:

अजेमर ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) नेता इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा को क्लिनचिट मिल गई है।

एनआईए ने अपनी सप्लीमेंट्री रिपोर्ट में कहा, 'इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।' अब इस रिपोर्ट पर जयपुर की की एनआईए अदालत 17 अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगी।

इससे पहले जयपुर की एनआईए अदालत ने अजमेर शरीफ दरगाह में 2007 में हुए बम विस्फोट के दो दोषियों भवेश पटेल और देवेंद्र गुप्ता को 22 मार्च को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

अदालत ने पटेल पर 10,000 रुपये और गुप्ता पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी किया है। दोनों दोषियों ने खुद को बेगुनाह बताया है।

अजमेर ब्लास्ट मामले में आठ मार्च को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता स्वामी असीमानंद और छह अन्य को एनआईए की अदालत ने बरी कर दिया था।

अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के परिसर में 11 अक्टूबर, 2007 को शाम करीब 6.15 बजे हुए बम विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 15 अन्य घायल हो गए थे।

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