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1965 की जंग के हीरो वायुसेना मार्शल अर्जन सिंह को 21 तोपों की सलामी के साथ दी गई अंतिम विदाई

1965 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग के हीरो रहे एयर मार्शल अर्जन सिंह का निधन शनिवार को सेना के रिचर्स ऐंड रेफरल अस्पताल में हो गया था।

Updated on: 18 Sep 2017, 01:47 PM

highlights

  • मार्शल अर्जन सिंह का 98 साल की उम्र में निधन
  • पाकिस्तान के खिलाफ 1965 की जंग में हवाई अभियान का किया था नेतृत्व
  • भारतीय वायु सेना ने 2002 में मार्शल रैंक से किया था सम्मानित

नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह को आज (सोमवार को) पूरे राजकीय सम्मान के साथ बरार स्क्वायर पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।

1965 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग के हीरो रहे एयर मार्शल अर्जन सिंह का निधन शनिवार को सेना के रिचर्स ऐंड रेफरल अस्पताल में हो गया था।

इससे पहले बरार स्क्वायर में तीनों सेना प्रमुखों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बरार स्कवायर पहुंच कर उनकी विदाई में हिस्सा लिया।

इस मौके पर अर्जन सिंह को बंदूकों से सलामी और फ्लाई पास्ट दी गई।

इससे पहले रविवार को भी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए गईं थी। उनके अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत देश के तमाम गणमान्य लोग भी अंतिम दर्शन के लिए आए थे।

अर्जन सिंह 98 साल के थे और शनिवार को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। रविवार को रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि यदि मौसम सही रहा तो विमानों के परेड के जरिए राष्ट्रीय नायक को अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी।

पीएम ने दी अर्जन सिंह को श्रद्धांजलि, अंतिम संस्कार आज

अर्जन सिंह की शख़्सियत 

अर्जन सिंह वायुसेना के पहले और एकमात्र फाइव स्टार रैंक के अधिकारी थे। 1965 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। पीएम ने शनिवार को 1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध को याद करते हुए कहा, 'भारत उनके अद्वितीय नेतृत्व क्षमता को हमेशा याद करेगा।'

अर्जन सिंह (98) ने पाकिस्तान के खिलाफ 1965 में हुए युद्ध में हवाई अभियान का नेतृत्व किया था। अर्जन सिंह की सेवाओं के सम्मान में, भारतीय वायु सेना ने उन्हें जनवरी 2002 में वायु सेना के मार्शल रैंक से सम्मानित किया था।

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