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Air India पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का बयान, कहा- के निजीकरण होकर ही रहेगा

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारी कर्ज के बोझ से दबी एयर इंडिया का निजीकरण किया जाएगा.

Updated on: 31 Dec 2019, 04:35 PM

नई दिल्‍ली:

सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया पिछले कुछ वर्षों से वित्तीय संकट में घिर गई है. केंद्र सरकार ने अब इसको लेकर बयान जारी किया है कि अब इसका निजीकरण करने के अलावा कोई उपाय नहीं है. नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कुछ समय से एयर इंडिया का कर्ज बढ़ता जा रहा है, जिसे अब जारी नहीं रखा जा सकता है. मंगलवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारी कर्ज के बोझ से दबी एयर इंडिया का निजीकरण किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि इसे बेचने की प्रक्रिया जारी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब इसे निजीकरण करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचा है.

पुरी ने आगे कहा कि उन्होंने कहा कि हम इसके लिए किसी समय सीमा का इंतजार नहीं कर रहे हैं और इस पर गंभीरता से काम कर रहे हैं कि जल्दी से जल्दी इसका निजीकरण कर दिया जाए. उन्होंने आगे कहा कि हमारी कोशिश है कि एयर इंडिया के निजीकरण की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए. इसके अलावा पुरी ने यह भी बताया कि एयर इंडिया हवाई किराए में भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं की जाएगी. यह हमेशा बाजार के तहत संचालित होगा, हमारी किराया बढ़ाने की कोई योजना नहीं है कि इसे रेगुलेट किया जाए.

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खरीददार नहीं मिला तो बंद हो सकता है परिचालन
आपको बता दें कि सोमवार को एक अधिकारी ने इस बात का दावा किया था कि एयर इंडिया को अगर जल्दी से जल्दी खरीददार नहीं मिला तो सरकार को अगले साल जून तक इसका परिचालन बंद करने के लिए मजूबर होना पड़ सकता है. एयर इंडिया के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि 'टुकड़ों - टुकड़ों' में पूंजी की व्यवस्था से लंबे समय तक गाड़ी नहीं चलाई जा सकती है. अधिकारी ने बताया कि एयर इंडिया के 12 छोटे विमान खड़े हैं इन्हें दोबारा चलाने के लिए के लिए पैसों की जरूरत है आपको बता दें कि एयर इंडिया पर मौजूदा समय में लगभग 60,0000 करोड़ रूपयों का कर्ज है, जिसके बाद से सरकार विनिवेश के तौर-तरीकों पर काम कर रही है.

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कर्ज से दबी है एयर इंडिया
एयर इंडिया भारी कर्ज से दबी हुई है वित्त वर्ष 2018-19 में एयर इंडिया को 8,400 करोड़ रुपये का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. आपको बता दें कि पिछले काफी समय से एयर इंडिया को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है. ज्यादा ऑपरेटिंग कॉस्ट और फॉरेन एक्सचेंज में नुकसान की वजह से कंपनी को भारी घाटा उठाना पड़ा आपको बता दें कि एयर इंडिया को इतना घाटा उठाना पड़ा है कि इतने में एक और एयरलाइंस शुरू की जा सकती है. बहरहाल मौजूदा समय एयर इंडिया पर 60 हजार करोड़ रुपयों का कर्ज है.