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AIADMK चुनाव चिह्न 'दो पत्ती' ईपीएस-ओपीएस गुट को, शशिकला को झटका

जेल में बंद एआईएडीएमके की नेता शशिकला को झटका लगा है। एआईएडीएमके के सांसद वी मैत्रेयन का दावा है कि चुनाव आयोग ने पार्टी का चुनाव चिह्न 'दो पत्ती' पन्नीरसेल्वम और पलानिसामी गुट को दिया है।

Updated on: 23 Nov 2017, 07:06 PM

नई दिल्ली:

चेन्नई। निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) का चुनाव चिन्ह 'दो पत्तियां' तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम वाले गुट को देने का फैसला किया।

इस निर्णय को जेल में बंद वी.के शशिकला और उनके भतीजे टी.टी.वी. दिनाकरन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

आयोग ने अपने 83 पन्ने के आदेश में कहा, 'आयोग का यह विचार है कि ई. मधुसूदनन, ओ. पन्नीरसेल्वम, एस. सेम्मालाई और के पलनीस्वामी की अगुवाई वाले याकिकाकार्ता समूह के पास एआईएडीएमके के संगठनात्मक और विधायिका इकाई को बहुमत प्राप्त है।'

आयोग के अनुसार, 'मधुसूदनन और अन्य के अगुवाई वाले समूह को तमिलनाडु और पुदुच्चेरी में मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी एआईएडीएमके के रूप में मान्यता दी जाती है और इस पार्टी के लिए 'दो पत्तियां' वाला चिह्न् आरक्षित है।'

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आयोग के आदेश के अनुसार, 'मधुसूदनन की अगुवाई वाले समूह को पार्टी के नाम और इसके चुनाव चिह्न् 'दो पत्तियां' का प्रयोग करने की इजाजत दी जाती है। आयोग को लगता है कि मधुसूदनन की अगुवाई वाले समूह चुनाव चिह्न् (आरक्षण और आवंटन) आदेश,1968 के अनुच्छेद 15 के अनुसार चुनाव चिह्न् और पार्टी का नाम इस्तेमाल कर सकते हैं।'

आयोग ने कहा, 'आर.के. नगर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के मद्देनजर 22 मार्च को दिए गए अंतरिम आदेश को स्थिगित किया जाता है और वह आदेश चुनाव चिह्न् (आरक्षण और आवंटन) आदेश,1968 के तहत प्रयोग में नहीं लाया जाएगा।'

पलनीस्वामी ने मीडिया को कहा, 'हमने चुनाव चिह्न् प्राप्त कर लिया.. हम पार्टी नेताओं से बातचीत करने के बाद आर.के. नगर विधानसभा सीट के उम्मीदवार के बारे में निर्णय लेंगे।'

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उन्होंने कहा, 'चुनाव अयोग ने अभी निर्णय दिया है। हम खुश हैं और पार्टी के 1.5 करोड़ सदस्य भी खुश होंगे। हमारे पास अधिकारियों, विधायकों और सांसदों का बहुमत है।'

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष दिसंबर में पार्टी प्रमुख व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद पार्टी दो गुटों में बट गई थी। एक गुट की अगुवाई पन्नीरसेल्वम और दूसरे की शशिकला कर रही थीं।

उसके बाद शशिकला के गुट में भी फूट पड़ गई और पलनीस्वामी ने पन्नीरसेल्वम के साथ मिलकर अपनी सरकार बना ली, जिसके बाद शशिकला व दिनाकरन पार्टी में हाशिए पर चले गए थे।