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शी जिनपिंग के भारत दौरे से पहले चीन के कश्मीर पर बदल गए सुर, कही ये बड़ी बात

चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग भारत के दौरे पर आने वाले है. भारत आने से पहले चीन ने कश्मीर मसले पर अहम बयान दिया है. इस बयान में राष्ट्रपति शी जिनफिंग के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं.

Updated on: 08 Oct 2019, 07:20 PM

highlights

  • कश्मीर(Kashmir) मुद्दे पर चीन (China) के बदल गए सुर
  • विदेश मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर(Kashmir) मुद्दा द्विपक्षीय मुद्दा
  • इमरान खान (Imran Khan) के चीन (China) दौर को लगा बड़ा झटका

नई दिल्ली:

चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) भारत के दौरे पर आने वाले है. भारत आने से पहले चीन (China) ने कश्मीर(Kashmir) मसले पर अहम बयान दिया है. इस बयान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं. पाकिस्तान को कश्मीर(Kashmir) मुद्दे पर सपोर्ट करने वाले चीन (China) ने इस बार कुछ अलग ही कहा है. चीन (China) के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कश्मीर(Kashmir) मुद्दे को द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए.

इस दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का कोई जिक्र नहीं किया. चीन (China) का बयान कश्मीर(Kashmir) मुद्दे पर उस वक्त आया जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) मंगलवार को चीन (China) पहुंचे. इमरान खान (Imran Khan) यहां कश्मीर(Kashmir) मुद्दे के अलावा चीन (China)-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर भी चर्चा करेंगे.

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चीन (China) के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शेंग शुआंग से मीडिया ने शी के भारत दौरे और इमरान खान (Imran Khan) की चीन (China) यात्रा पर जब सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि कश्मीर(Kashmir) मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को मिलकर सुलझाना चाहिए.

शेंग ने कहा, 'तो आप कश्मीर(Kashmir) मुद्दे पर ध्यान दे रहे हैं, राइट? कश्मीर(Kashmir) मुद्दे पर चीन (China) का रुख स्पष्ट है और इस पर वह लगातार कायम है.' शेंग ने कहा, 'हम भारत और पाकिस्तान से कश्मीर(Kashmir) मुद्दे समेत सभी मसलों पर बातचीत करने और आपसी विश्वास बढ़ाने की अपील करते हैं. यह दोनों ही देशों और विश्व की साझा आकांक्षाओं के हित में है.'

बता दें कि आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर(Kashmir) को मिले विशेष दर्जे को वापस लिए जाने के बाद पहली प्रतिक्रिया में चीन (China) के विदेश मंत्रालय ने 6 अगस्त को 2 बयान जारी किए थे. एक बयान में चीन (China) ने लद्दाख को अलग कर केंद्रशासित प्रदेश बनाने के भारत के फैसले का विरोध किया था. चीन (China) लद्दाख पर अपना दावा करता है. दूसरे बयान में चीन (China) ने भारत और पाकिस्तान से कश्मीर(Kashmir) विवाद को बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण ढंग से हल करने की अपील की थी.

बाद में चीन (China) ने पाकिस्तान का साथ देते हुए कहा कि इसे (कश्मीर(Kashmir) मुद्दा) यूएन चार्टर, यूएन सिक्यॉरिटी काउंसिल के संबंधित प्रस्तावों के अनुरूप उचित और शांतिपूर्ण ढंग से द्विपक्षीय सहमति से हल किया जाना चाहिए.

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चीन (China) विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में भी कश्मीर(Kashmir) का जिक्र किया था जिस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. अब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग का हालिया बयान कश्मीर(Kashmir) मुद्दे पर चीन (China) के परंपरागत रुख की तरफ लौटने का संकेत है कि इस विवाद को द्विपक्षीय ढंग से निपटाया जाना चाहिए.

बता दें कि चीन (China) (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) अनौपचारिक सम्मेलन के लिए 11-12 अक्टूबर को भारत दौरे पर आने वाले हैं.