कोटा के बाद अब बूंदी में एक महीने के दौरान 10 बच्चों की मौत
शुक्रवार को अतिरिक्त जिला कलेक्टर सीलिंग के द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में इस बात का खुलासा हुआ.
नई दिल्ली:
राजस्थान के कोटा में सरकारी अस्पताल जेके लेन में बच्चों की मौत का सिलसिला अभी थमा भी नहीं था कि बूंदी के पंडित बृज सुंदर राजकीय चिकित्सालय की मातृ एवं शिशु चिकित्सा इकाई में भी नवजातों की मौत का खुलासा हुआ. बूंदी में पिछले एक महीनों के दौरान 10 नवजातों की मौत हो गई लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन बच्चों की मौतों को दबाने में लगा हुआ था. शुक्रवार को अतिरिक्त जिला कलेक्टर सीलिंग के द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में इस बात का खुलासा हुआ. आपको बता दें कि अस्पताल प्रशासन लगातार इन बच्चों की मौत को दबाने की कोशिश कर रही थी लेकिन सच्चाई अपने आप ही बाहर आ गई.
वहीं आपको बता दें कि राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में नवजात शिशुओं की मौत (newborn deaths) का सिलसिला नहीं थम रहा है. कोटा के जेके लॉन अस्पताल में शुक्रवार को 2 और नवजात की मौत हो गई है. इसके बाद मृतकों की संख्या 106 पहुंच गई है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) कोटा में मासूम बच्चों की हो रही मौत पर राजस्थान सरकार से जवाब तलब किया है. एनएचआरसी,दिसंबर, 2019 के महीने में राजस्थान के कोटा जिले के एक सरकारी अस्पताल में 100 से अधिक बच्चों की मौत के बारे में मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लिया है.
विपक्षी पार्टियां सरकार पर हुई हमलावर
वहीं,शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने जेके लोन अस्पताल का दौरा किया. इस मौके पर कोटा के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह ने बच्चों की मौतों को लेकर अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों की मौतों पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन, डॉक्टरों और नर्सों की थी. अस्पताल प्रशासन के पास पैसों की कोई कमी नहीं है. छह करोड़ से ज्यादा रुपये इनके पास पड़े हैं. अगर अस्पताल में उपकरणों की कमी थी तो प्रशासन को खरीदना चाहिए था. इतने उपकरणों की तो जरूरत भी नहीं है. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह समेत स्मृति ईरानी गहलोत सरकार निशाने पर ले चुकी हैं. इसके अलावा बसपा और सपा भी निशाना साधने में पीछे नहीं हैं. उन्होंने गहलोत सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
कोटा में बच्चों की मौत के बाद राजनीति तेज
कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के अस्पताल पहुंचने से पहले बिछाए गए हरे कालीन ने बीजेपी को एक और मौका दे दिया है. ऐसे में कांग्रेस ने बीजेपी को आगाह किया है कि वह अस्पताल में हुई बच्चों की मौत पर राजनीति न करे. यहां अभी तक 104 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मसले पर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह समेत स्मृति ईरानी निशाने पर ले चुकी हैं. इसके अलावा बसपा और सपा भी निशाना साधने में पीछे नहीं हैं.
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