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कुलभूषण जाधव केस में भारत के पास ICJ के फैसले के बाद बचा है ये विकल्प

पाक ने कहा है कि वह ICJ के अधिकार क्षेत्र को नहीं मानता है।

Updated on: 19 May 2017, 10:23 AM

नई दिल्ली:

कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने फैसला भारत के पक्ष में सुनाते हुए मौत की सज़ा पर फिलहाल पाबंदी लगा दी है। कोर्ट ने कहा है इस केस में भारत की जाधव तक राजनायिक पहुंच की मांग पूरी की जाए।

वहीं इस फैसले को नकारते हुए पाकिस्तान ने कहा है कि दुनिया की किसी भी अदालत के पास ये अधिकार नहीं है कि वह एक संप्रभु राष्ट्र की अदालत द्वारा दिए गए फैसले को पलट दे। पाक ने कहा है कि वह ICJ के अधिकार क्षेत्र को नहीं मानता है।

सवाल ये उठता है कि यदि कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्‍तान, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के फैसले का क्रियान्‍वयन नहीं करता है तो फिर भारत के पास क्‍या विकल्‍प बचते हैं।

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जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान के अड़ियल रवैये के बाद अब भारत के पास सुरक्षा परिषद में जाने का रास्ता है। संयुक्त राष्ट्र का अधिकारपत्र (जिसे इसका संविधान माना जाता है) के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र का हर सदस्य इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का फैसला मानने के लिए प्रतिबद्ध है। यदि कोई सदस्य देश ऐसा नहीं करता है तो दूसरा पक्ष रखने वाला देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मदद ले सकता है।

उसके बाद सुरक्षा परिषद फैसले का क्रियान्‍वयन कराने के उपायों पर विचार करेगा।

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जानकारों का ये भी कहना है कि इंटरनैशनल कोर्ट का फैसला घरेलू अदालतों के फैसलों की तरह अनिवार्य रूप से लागू नहीं किया जा सकता है। इंटरनैशनल कोर्ट के फैसले केवल तब तक ही मान्य होते हैं, जब तक फैसले से जुड़े देश उस फैसले का पालन करना चाहें।

ऐेसे में यदि पाकिस्तान इस फैसले का पालन नहीं करता है तो सुरक्षा परिषद में जाकर भारत अपने पड़ोसी पर प्रतिबंध की मांग कर सकता है।

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