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अटल बिहारी वाजपेयी के बाद सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को 'राजधर्म' की दिलाई याद

सोनिया गांधी के साथ प्रतिनिधिमंडल में शामिल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि दिल्‍ली में हिंसा चिंता का विषय है.

Updated on: 27 Feb 2020, 01:17 PM

नई दिल्ली:

दिल्‍ली में हिंसा (Delhi Violence) को लेकर सोनिया गांधी के नेतृत्‍व में कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला. राष्‍ट्रपति से मिलने के बाद बाहर निकली सोनिया गांधी ने एक बयान देते हुए कहा, दिल्‍ली में चार दिनों से हिंसा जारी है और केंद्र व दिल्‍ली सरकारें मूकदर्शक बनी रही. सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा कि सरकार राजधर्म का पालन नहीं कर रही है. सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि दिल्‍ली में हिंसा, लूटपाट और पथराव होता रहा और सरकारें देखती रहीं. सोनिया गांधी के साथ प्रतिनिधिमंडल में शामिल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि दिल्‍ली में हिंसा चिंता का विषय है.

मनमोहन सिंह ने कहा, हमने राष्ट्रपति से कहा है कि पिछले 4 चार दिनों में जो भी हुआ वो चिंता की बात है. ये पूरे देश के लिए शर्म की बात है जिसमें 34 लोगों की बात हो गई और 200 लोग घायल हो गए. ये केंद्र सरकार की विफलता की झलक है.

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वहीं सोनिया गांधी ने कहा, हम आपसे (राष्ट्रपति) आह्वान करते हैं कि यह सुनिश्चित करें कि नागरिकों की जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति संरक्षित है. इसी के साथ हम ये भी दोहराते हैं कि आपको तुरंत गृह मंत्री से इस्तीफा लेना चाहिए.

बता दें, चार दिनों की हिंसा के बाद धीरे-धीरे दिल्ली अपने पुराने मिजाज पर वापस लौटने के लिए जद्दोजहद करती दिख रही है. दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट इलाके में हिंसा (Delhi Violence) के 4 दिनों के बाद हिंसाग्रत रहे इलाके अब रोजमर्रा के कामों में मशगूल दिखने लगे हैं. ऐसे ही उत्तर पूर्व दिल्ली का इलाका गोकुलपुरी है, जहां सोमवार की रात को जबरदस्त हिंसा हुई थी. इस क्षेत्र का गंगा विहार मुहल्ला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था.

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हिंसा के दौरान कई मकानों और दुकानों में आग लगा दी गई थी, लेकिन दो दिन बाद गुरुवार को इस इलाके में शांति है. पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान लगातार पेट्रोलिग कर रहे हैं. पूछताछ के बाद पता चला कि इस इलाके में हिंसा मामूली सी बात पर शुरू हुई थी. सालों से एक साथ रहने के बावजूद यहां हिंसा की चिंगारी कैसे फैली, इस पर इस शख्स ने बताया, "सोमवार की शाम कुछ असामाजिक तत्वों ने बिना उकसावे के गंगा विहार वरिष्ठ नागरिक कल्याण केंद्र पर कुछ बोतलें फेंक दी. जिसके बाद आसपास के लोग उत्तेजित हो गए. उसके बाद जिसको जो समझ में आया उसने किया. बाद में इस इलाके में कई दुकानों और मकानों को आग के हवाले कर दिए गया. नतीजा लगभग 100 परिवार को इस इलाके से जान बचाकर भागना पड़ा."