विवादित बयान पर अधीर रंजन ने लोकसभा में निर्मला सीतारमण से मांगी माफी, कहा- वह मेरी बहन जैसी हैं
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman) को निर्बला कहने पर खेद जताया है.
नई दिल्ली:
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman) को निर्बला कहने पर खेद जताया है. इसके लिए उन्होंने बुधवार को लोकसभा में निर्मला सीतारमण से माफी मांगी है. बता दें कि लोकसभा में कॉर्पोरेट टैक्स कटौती पर चर्चा के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने वित्त मंत्री सीतारमण निर्मला की जगह 'निर्बला' कह दिया था. इस पर लोकसभा में खूब हंगामा हो गया.
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कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कहा कि मैंने सदन में चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) को निर्बाला (Nirbala) के रूप में संबोधित किया था. निर्मला जी मेरी बहन की तरह हैं और मैं उनके भाई की तरह हूं. अगर मेरे शब्दों से उसे दुख पहुंचा है तो मुझे खेद है.
Adhir Ranjan Chowdhury, Congress in Lok Sabha: During discussion in the House I had addressed our Finance Minister Nirmala Sitharaman as Nirbala. Nirmala ji is like my sister & I am like her brother. If my words have hurt her then I am sorry. pic.twitter.com/cW9N3N7bx3
— ANI (@ANI) December 4, 2019
बता दें कि लोकसभा में आज कॉरपोर्ट टैक्स पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार को कॉरपोरेट टैक्स कम करने का यही सही समय लगा, क्योंकि यूएस-चीन के बीच व्यापार युद्ध से संकेत मिले हैं कि कई कॉरपोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन से बाहर निकलना चाह रही हैं. कॉरपोरेट टैक्स कम करके हम भारत में इन्हें ला सकते हैं.
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इस दौरान टीएमसी के सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती को लेकर कहा कि कॉरपोरेट टैक्स को कम करने से केवल उन्हीं को फायदा मिलेगा जो पहले से फायदे में हैं. इससे सुस्ती की सामना कर रही अर्थव्यवस्था को कोई फायदा नहीं होने वाला है. उन्होंने आगे कहा कि अगर यह बिल वाकई सभी के लिए मददगार होगा विशेषकर MSME सेक्टर में तो सभी जगहों पर टैक्स रेट में कमी होनी चाहिए. यह सिर्फ कंपनियों पर लागू नहीं होना चाहिए, यह एलएलपी, साझेदारी फर्म और अन्य गैर-कॉर्पोरेट संस्थाओं पर भी लागू होना चाहिए.
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