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JNU में हिंसा, तोड़फोड़-पथराव में कई छात्र घायल; अमित शाह ने तलब की रिपोर्ट

जेएनयू में छात्रों द्वारा मचाए गए हंगामे के दौरान जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की अध्यक्ष आइशी घोष पर भी हमला किया गया.

Updated on: 06 Jan 2020, 10:42 AM

नई दिल्‍ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में रविवार शाम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेताओं और वामपंथी छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प में जेएनयूएसयू की अध्यक्ष ऐशे घोष सहित कई अन्य विद्यार्थी बुरी तरह से घायल हो गए. वीडियो में घोष के शरीर से खून निकलता देखा जा सकता है. खबरों के अनुसार, लोहे की रोड से उसकी आंख पर हमला किया गया. प्राथमिक उपचार के लिए उसे पास के अस्पताल ले जाया गया है. एम्स ट्रॉमा में एक प्रोफेसर समेत 20 मरीज़ भर्ती किए गए हैं जबकि 3 छात्रों को सफदरजंग इमरजेंसी में भर्ती किया गया है. इनमें से 11 घायल छात्र एबीवीपी के हैं. 

महासचिव सतीश चंद्र भी इस दौरान घायल हो गए और कथित तौर पर कुछ शिक्षकों पर भी हमला किया गया. घटनास्थल से मिली खबरों के अनुसार, मुनिरका इलाके से बाहरी लोगों की भीड़, लाठियों डंडों के साथ कैंपस में दाखिल हुई थी. बदमाश अब कथित तौर पर फरार हो गए. वहीं पूरे मामले पर गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से बात की और मामले की पूरी जानकारी ली साथ ही उन्होंने जॉइंट सीपी स्तर के अधिकारी से मामले की जांच करा कर रिपोर्ट देने को कहा है.

वहीं अब इस मामले में राजनीति होनी शुरू हो गई है सबसे पहले कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट किया उसके बाद दिल्ली के सीएम केजरीवाल उसके बाद राहुल गांधी और अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी जेएनयू हिंसा में घायल छात्रों से मुलाकात करने के लिए एम्स पहुंची हैं. 

वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जेएनयू मामले में ट्वीट कर कहा है कि, नकाबपोश ठगों द्वारा जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर किया गया क्रूर हमला, जिसमें कई गंभीर रूप से घायल हो गए, चौंकाने वाला है. हमारे राष्ट्र के नियंत्रण में फासीवादी,  हमारे बहादुर छात्रों की आवाज़ से डरने लगे हैं. जेएनयू में आज की हिंसा उसी डर का प्रतिबिंब है.

इससे पहले एबीवीपी के छात्र नेताओं ने कथित तौर पर आरोप लगया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पेरियार छात्रावास के छात्रों के साथ वामपंथी छात्रों ने मारपीट कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया. एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश ने मीडिया को बताया, "करीब चार से पांच सौ वाम सदस्य पेरियार छात्रावास में इकट्ठा हुए, यहां तोड़फोड़ कर जबरन घुसपैठ की और अंदर बैठे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को पीटा."

वहीं पूरे मामले पर दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि, दो दिनों के लिए दो समूहों के बीच तनाव चल रहा था. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुरोध पर पुलिस ने आज परिसर में प्रवेश किया है.

छात्रों के हंगामे के बाद जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है.

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एबीवीपी ने दावा किया कि उसके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मनीष जांगिड़ को बुरी तरह से घायल किया गया है और शायद मारपीट के बाद उसका हाथ टूट गया है. दुर्गेश ने आगे कहा कि छात्रों पर पत्थर फेंके गए, जिसके चलते कुछ के सिरों पर चोटें आई हैं. उन्होंने कहा, "अंदर मौजूद छात्रों पर उन्होंने पत्थर और डंडे बरसाए." हालांकि, वामपंथी छात्रों के नेतृत्व वाले जेएनयूएसयू ने इस दावे को तुरंत खारिज करते हुए कहा कि एबीवीपी और प्रशासन झूठी कहानी फैलाने में लगे हुए हैं. 

जेएनयूएसयू के महासचिव सतीश चंद्र ने आईएएनएस से कहा, "एबीवीपी और प्रशासन बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्रों के प्रदर्शन को निशाना बना रहे हैं. यह और कुछ नहीं छात्रों और समाज को गुमराह करने के लिए लगाए जा रहे झूठे आरोप हैं." इस बीच दक्षिणपंथी संगठन एबीवीपी ने कहा है कि उन्होंने फैसला किया है कि जैसे ही घायल हुए उनके साथी प्राथमिक उपचार के बाद लौटेंगे वह इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराएंगे.

वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने जेएनयू में हुई हिंसा पर ट्वीट किया है. चिदंबरम ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते हुए ट्वीटर पर लिखा है, हम क्या देख रहे हैं? लाइव टीवी चौंकाने वाला और भयानक है. नकाबपोश पुरुष जेएनयू हॉस्टल में प्रवेश करते हैं और छात्रों पर हमला. पुलिस क्या कर रही है? कहां है पुलिस कमिश्नर?

वहीं एबीवीपी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आज रजिस्ट्रेशन का आखिरी दिन था. पिछले 3 दिनों से नक्सली इंटरनेट बंद करके रखे हुए हैं अगर तुम लोगों को नहीं रजिस्ट्रेशन करवाना है तो मत करवाओ लेकिन जो स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं उनको तो करवाने दो. एक हजार नक्सली हमारे 50 कार्यकर्ताओं को एडमिन ब्लॉक से दूसरा मारे है पेरियार और साबरमती हॉस्टल में घुस के मारे हैं हमारे बहुत सारे कार्यकर्ता एम्स और सफदरजंग अस्पताल में भर्ती हैं 11 कार्यकर्ता लापता हैं, हम सभी को भी अपनी जान का खतरा है आप सभी के माध्यम से पुलिस जेएनयू एडमिन और देश की जनता से अपील की है कि हमारी जान की रक्षा की जाए.