मुजफ्फरपुर और देवरिया कांड पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, सरकार से पूछा देश में हो क्या रहा है?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समझ नहीं आ रहा कि आखिर देशभर में यह हो क्या रहा है। लेफ्ट, राइट और सेंटर, जहां भी देखो सब जगह रेप हो रहा है।
नई दिल्ली:
देश भर में महिलाओं पर लगातार बढ़ रहे अपराधों को देखते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों पर सख्त टिप्पणी की। पहले बिहार के मुजफ्फरपुर और फिर उत्तर प्रदेश के देवरिया में आश्रय गृह की आड़ में चल रहे यौन उत्पीड़न के मामले सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए जबरदस्त फटकार लगाई। सर्वोच्च न्यायालय ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस पर बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए देवरिया आश्रय गृह का भी जिक्र किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समझ नहीं आ रहा कि आखिर देशभर में यह हो क्या रहा है। लेफ्ट, राइट और सेंटर, जहां भी देखो सब जगह रेप हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, ' सरकार 2004 से शेल्टर होम को पैसा दे रही है, लेकिन उसने कभी वहां का निरिक्षण करने की जरूरत क्यों नहीं समझी।
सरकार को पता ही नहीं है कि शेल्टर होम में हो क्या रहा है। इसे देख कर तो यही लगता है कि यह गतिविधियां राज्य सरकार के समर्थन से चल रही हैं। यह एक गंभीर विषय है जिस पर सोचने की जरूरत है।'
सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर केस में देर से जांच शुरू करने को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि पीड़ित लड़कियों में से अभी तक किसी को मुआवजा नहीं मिला। एक लड़की अभी भी लापता है। ऐसे में वो किस बात की जांच कर रहे हैं।
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इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देशभर में साल में 38 हजार से ज्यादा रेप हो रहे हैं। यहां हर 6 घंटे में एक लड़की रेप का शिकार हो रही है।
गौरतलब है कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार देश में सबसे ज्यादा रेप के मामले मध्य प्रदेश पहले स्थान पर यूपी दूसरे स्थान पर है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट की ओर से बिहार शेल्टर होम रेप केस में नियुक्त एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) अपर्णा भट्ट ने बताया कि पीड़ित लड़कियों की काउंसलिंग की जा रही है।
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जांच पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वहां हालत काफी गंभीर है। मुजफ्फरपुर वाला एनजीओ अकेला नहीं है, जहां इस तरह के आरोप सामने आए हैं। एनजीओ ने अपनी रिपोर्ट में राज्य सरकार के फंड से चल रही ऐसी 15 संस्थाओं का जिक्र किया है, जो बाद में जांच के दायरे में आई हैं।
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