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हेराल्ड हाउस खाली करने के खिलाफ याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा

एजेएल ने कोर्ट में 21 दिसंबर के एक एकल बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए अदालत की डिविजन बेंच में याचिका दायर की थी.

Updated on: 18 Feb 2019, 04:40 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने नेशनल हेराल्ड अखबार की प्रकाशक कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है. एजेएल ने हेराल्ड हाउस खाली किए जाने के एकल बेंच के फैसले को चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और एजेएल को मामले में लिखित जवाब दाखिल करने को कहा है. एजेएल ने कोर्ट में 21 दिसंबर के एक एकल बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए अदालत की डिविजन बेंच में याचिका दायर की थी.

कोर्ट की एकल बेंच ने केंद्र सरकार द्वारा 30 अक्टूबर को दिए गए आदेश के विरुद्ध एजेएल की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि हेराल्ड हाउस पर एजेएल का 56 वर्षीय लीज समाप्त हो गया है और इसे खाली कराया जाना चाहिए.

एकल बेंच ने देखा कि एजेएल पूरे देश में प्रिंट और ऑनलाइन के सर्कुलेशन के फैलाव और रोजाना के प्रकाशन के विस्तार का खुलासा नहीं कर रहा है.

एजेएल ने अपनी याचिका में कहा था कि प्रकाशन का विस्तार न तो प्रासंगिक था और न ही एकल न्यायाधीश ने मौखिक बहस के दौरान इस आश्य से कुछ भी पूछा। याचिका के अनुसार, 'हाई कोर्ट ने अपने ओदश (21 दिसंबर) में पूरी तरह इन तथ्यों को नजरअंदाज कर दिया.'

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साप्ताहिक 'नेशनल हेराल्ड ऑन संडे' का प्रकाशन 24 सितंबर, 2017 को दोबारा शुरू किया गया था और यह हेराल्ड हाउस से प्रकाशित होता है। एजेएल ने 14 अक्टूबर से अपने साप्ताहिक हिंदी अखबार की भी फिर से शुरू कर दिया था. एजेएल ने कहा था कि एकल जज की पीठ ने अनुचित रूप से जल्दबाजी दिखाई.