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CBI में घमासान : आलोक वर्मा ने सरकार को घेरा, याचिका में कही ये बातें

केन्द्रीय जांच ब्यूरो(cbi) के निदेशक आलोक कुमार वर्मा ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की. आलोक वर्मा ने याचिका में मौजूदा सरकार पर जांच में दखल देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं.

Updated on: 24 Oct 2018, 08:08 PM

नई दिल्ली:

केन्द्रीय जांच ब्यूरो(cbi) के निदेशक आलोक कुमार वर्मा ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की. आलोक वर्मा ने याचिका में मौजूदा सरकार पर जांच में दखल देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं.

आइए एक नजर डालते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में आलोक वर्मा ने अपने याचिका में क्या कहा-

* आलोक वर्मा ने कहा, 'सीबीआई से उम्मीद की जाती है कि वो एक स्वतंत्र और स्वायत एजेंसी के तौर पर काम करेगी. ऐसे हालात को नहीं टाल जा सकता, जब उच्च पदों पर बैठे लोगों से संबंधित जांच की दिशा सरकार की मर्जी के मुताबिक न हो. हालिया दिनों में ऐसे केस आये जिनमे जांच अधिकारी से लेकर जॉइंट डायरेक्टर/ डायरेक्टर तक किसी खास एक्शन तक सहमत थे, लेकिन सिर्फ स्पेशल डायरेक्टर की राय अलग थी.

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*सीवीसी, केंद्र ने रातोंरात मुझे सीबीआई डायरेक्टर के रोल से हटाने का फैसला लिया और नए शख्स की नियुक्ति का फैसला ले लिया जोकि गैरकानूनी है.

*सरकार का ये कदम DSPE एक्ट के सेक्शन 4-b के खिलाफ है, जो सीबीआई डायरेक्टर की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए दो साल का वक्त निधार्रित करता है.

*DSPE एक्ट के सेक्शन 4 A के मुताबिक सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और CJI की कमेटी करेगी. सेक्शन 4b(2) में सीबीआई डायरेक्टर के ट्रांसफर के लिए इस कमेटी की मंजूरी ज़रूरी है. सरकार का आदेश इसका उल्लंघन करता है.

*इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी सीबीआई को सरकार के प्रभाव से मुक्त करने की बात कर चुकाहै. सरकार के इस कदम से साफ है कि सीबीआई को DOPT से स्वतंत्र करने की ज़रूरत है.

*मुझे संस्थान(CBI) के अधिकारियों पर पूरा भरोसा है, और इस तरह का गैरकानूनी दखल अधिकारियों के मनोबल को गिराता है.