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चीन पर रहेगी नजर, अंडमान-निकोबार में नौसेना का नया एयरबेस होगा शुरू

हिंद महासागर में चीन की नौसेना की लगातार बढ़ती गतिविधियों को ध्‍यान में रखते हुए भारतीय नौसेना अंडमान-निकोबार में जल्‍द ही नया एयरबेस शुरू करने जा रही है.

Updated on: 09 Jan 2019, 03:22 PM

अंडमान-निकोबार:

हिंद महासागर में चीन की नौसेना की लगातार बढ़ती गतिविधियों को ध्‍यान में रखते हुए भारतीय नौसेना अंडमान-निकोबार में जल्‍द ही नया एयरबेस शुरू करने जा रही है. नौसेना का यह नया एयरबेस दिगलीपुर के पास है, जो कि 24 जनवरी 2019 से ऑपरेशनल हो जाएगा. नए एयरबेस का नाम 'आईएनएस कुहासा' रखा गया है, जिसका शुभारंभ अंडमान-निकोबार कमांड के चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा करेंगे. 'आईएनएस कुहासा' के ऑपरेशनल हो जाने के बाद अंडमान-निकोबार में भारत के चार एयरबेस हो जाएंगे.

भारतीय नौसेना भविष्‍य में इस बेस को और बड़ा बनाना चाहती है. फ़िलहाल 'आईएनएस कुहासा' में हेलिकॉप्‍टर्स और डोर्नियर विमान ऑपरेट हो सकेंगे. साथ ही फ्यूल स्‍टोरेज, रिपेयर फैसिलिटी, मैनपावर यहां उपलब्‍ध रहेगी.

अभी तक अंडमान-निकोबार में पोर्ट ब्लेयर में सबसे बड़ा एयरपोर्ट है. पोर्ट ब्लेयर के दक्षिण में कार निकोबार में वायुसेना का एयरबेस है और इस द्वीप समूह के बिल्कुल दक्षिण में कैम्पबेल बे में नौसेना का एयरबेस आईएनएस बाज है. आईएनएस कुहासा के शुरू हो जाने से उत्तर में एक नौसेना को मजबूती मिलेगी.

अंडमान-निकोबार में ताकत बढ़ाकर भारतीय नौसेना हिंद महासागर के मलक्का, सुंदा, लुम्बोक और ओम्बई वेतार जलडमरूमध्य के साथ हिंद महासागर के पश्चिमी क्षेत्र में भी पकड़ मजबूत करना चाहती है. मलक्का, सुंदा और लुम्बोक वो समुद्री रास्ते हैं, जो हिंद महासागर को दक्षिण चीन सागर से जोड़ते हैं. चीनी युद्धपोत, पनडुब्बी और परमाणु पनडुब्बी भारत के हिस्से वाले समुद्री क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में कई बारे देखे जा चुके हैं. चीन हिंद महासागर में दबदबा बढ़ा रहा है. ऐसे में भारत भी यहां कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है.