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Year Ender 2018: साल की 5 बड़ी घटनाएं जिसने बटोरी सुर्खियां

साल 2018 ख़त्म होने वाला है. ऐसे में साल के जाते जाते 5 ऐसी बड़ी घटना या हादसों की बात करते चलते हैं जिसको लेकर मीडिया या लोगों के बीच काफी चर्चा देखने को मिली.

Updated on: 31 Dec 2018, 12:19 PM

नई दिल्ली:

साल 2018 ख़त्म होने वाला है. ऐसे में साल के जाते जाते 5 ऐसी बड़ी घटना या हादसों की बात करते चलते हैं जिसको लेकर मीडिया या लोगों के बीच काफी चर्चा देखने को मिली. साल की शुरुआत में ही उत्तर भारत में आए तूफान की वजह से 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. वहीं इस साल कुछ अदभुत खगोलीय घटना भी देखने को मिली. इसके अलवा दशहरा के दिन हुए अमृसतर हादसे जिसमें लगभग 60 लोगों की जान चली गई. तो आइए सिलसिलेवार तरीके से पढ़ते हैं-  

यूपी राजस्थान में तूफ़ान से 100 से अधिक लोगों की मौत

मई महीने में भारत के उत्तरी हिस्से में आए तूफ़ान में उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. तूफान की वजह से कच्चे-पक्के घरों, फसल, पेड़ों और वाहनों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. बुधवार देर शाम तेज आंधी के बाद आए तूफान ने उत्तर प्रदेश के आगरा और राजस्थान के भरतपुर में जबरदस्त तबाही मचाई. सबसे ज्यादा असर इन्हीं दो राज्यों में पड़ा है. केवल उत्तर प्रदेश में 73 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं राजस्थान में 36 लोगों की मौत हो गई थी.

27 जुलाई को दिखा था अनोखा ‘ब्लड मून’

27 जुलाई की रात भारत के अलावा दुनिया के कई देशों में लोगों ने सदी के सबसे लंबे चंद्रग्रहण का दीदार किया. हालांकि भारत में आसमान नें बादल होने की वजह से लोग इसका दीदार नहीं कर पाए. पुर्वनुमान के मुताबिक़ भारत में चंद्रग्रहण रात 11 बजकर 44 मिनट से दिखना शुरू होने वाला था. वहीं अन्य देशों में 1 घंटे 42 मिनट 57 सेकेंड तक चंद्रग्रहण देखा गया. इस दौरान चांद पूरी तरह से लाल हो गया था जिसे Blood Moon के नाम से जाना जाता है.

सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण इस साल 27 जुलाई को लगा। यह खूबसूरत खगोलीय घटना भारत समेत पूरे एशिया में देखी गई। चंद्र ग्रहण के दौरान चांद का रंग का सुर्ख लाल दिखाई दिया, जिसे ‘ब्लड मून’ के नाम से जाना गया। यह चंद्र ग्रहण सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण था, जो करीब 1 घंटे 43 मिनट तक चला। इससे पहले सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण लगभग 1700 साल पहले पड़ा था।

केरल बाढ़ में 500 लोगों की मौत

अगस्त महीने में केरल में आई बाढ़ विपदा में लगभग 500 लोगों की मौत हो गई थी. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के मुताबिक़ बाढ़ आपदा में 483 लोगों ने अपनी जान गंवाई है (30 अगस्त को दिए गए बयान के अनुसार). विजयन ने राज्य में आई बाढ़ को सदी की सबसे भीषण बाढ़ बताया है.

उन्होंने कहा कि नौ से 15 अगस्त तक 98.5 एमएम की बारिश का अनुमान लगाया गया था जबकि राज्य में 352.2 एमएम की बारिश हुई.

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक वी.डी. सतीशन ने कहा, 'यह प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि एक मानवजनित आपदा है क्योंकि बांध जल प्रबंधन के गलत नियंत्रण के कारण ऐसा हुआ. राज्य के बांध पहले से ही पूरे भरे हुए थे और बांध के पानी को अंधाधुंध तरीके से छोड़ देना इस आपदा का प्रमुख कारण रहा.'

सतीशन ने कहा, 'कई बांधों को मध्यरात्रि को खोल दिया गया' समय की जरूरत है जिम्मेदारी तय करने की, और यह पता लगाने की इसके लिए कौन जिम्मेदार है.'

अमृतसर रेल हादसे में 60 लोगों की मौत

अमृतसर में रावण दहन देखने के दौरान एक ट्रेन की चपेट में आकर 60 लोगों की मौत हो गई. शुक्रवार को धोबीघाट के निकट जोड़ा फाटक पर लगभग 700 लोगों की भीड़ रावण के विशाल पुतले का दहन देख रही थी तभी अमृतसर से होशियारपुर जा रही जालंधर-अमृतसर डीएमयू पैसेंजर ट्रेन शाम करीब सात बजे पटरी पर खड़े लोगों को रोंदती हुई गुजर गई.

10-15 सेकेंड के बाद ही वहां क्षत-विक्षत शव नजर आने लगे और वहां चीख-पुकार मचने लगी.


अंडमान एवं निकोबार द्वीप में अमेरिकी पर्यटक की हत्या

अंडमान एवं निकोबार द्वीप पर संरक्षित तथा एकांतवासी आदिवासियों ने 27 वर्षीय चाऊ की हत्या कर दी थी. चाऊ कुछ मछुआरों की मदद से वहां पहुंचे थे. उत्तरी सेंटिनल द्वीप पर जाने पर पाबंदी है. साई ने बताया कि चाऊ की यात्रा में मदद करने वाले लोगों की पहचान की कोशिश जारी है. इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) प्रमुख नंदकुमार के मुताबिक अमेरिकी पर्यटक सेंटिनल आदिवासियों के हाथों मारा गया. उन्होंने पत्रकारों को बताया कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर सेंटिनल जैसी कई आदिम जनजातियां हैं, जिनसे बाहरी लोगों के संपर्क करने पर पाबंदी है.

उन्होंने कहा, 'इन द्वीपों पर रहने वाले आदिम जनजाति के लोगों पर विदेशी नागरिकों की हमेशा से नजर रही है और उन्होंने पहले भी जनजातीय लोगों से संपर्क करने के प्रयास किए हैं. हमें इन जनजातियों के लोगों की सुरक्षा करने और उनके रहने के स्थान को बाहरी लोगों के लिए पूरी तरह बंद करने की जरूरत है.'

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सेंटिनल आदिवासी जहां रहते हैं वहां न बिजली है, न मोबाइल है और न इंटरनेट. यहां जो भी जाता है उस पर ये हमला कर देते हैं. ये जनजाति इंडियन ओशन के नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड में रहती है.