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मॉब लिंचिंग के आरोपियों को माला पहनाने पर यशवंत सिन्हा भड़के, कहा- अब मैं नालायक बेटे का लायक बाप हूं

झारखंड में मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या) के आरोपियों को माला पहनाने के बाद विवादों में घिरे मंत्री जयंत सिन्हा के पिता यशवंत सिन्हा ने कहा है कि वे एक नालायक बेटे के लायक बाप हैं।

Updated on: 07 Jul 2018, 11:12 PM

नई दिल्ली:

झारखंड में मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या) के आरोपियों को माला पहनाने के बाद विवादों में घिरे मंत्री जयंत सिन्हा के पिता यशवंत सिन्हा ने कहा है कि वे एक नालायक बेटे के लायक बाप हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से इस्तीफा देने वाले यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर कहा कि वे अपने बेटे के द्वारा किए गए इस कार्य का समर्थन नहीं करते हैं।

यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर कहा, 'पहले मैं लायक बेटा का एक नालायक बाप था। अब यह किरदार उलट गया है। यही ट्विटर है। मैं अपने बेटे के कृत्य का समर्थन नहीं करता हूं। लेकिन मुझे पता है कि इसके बाद भी मुझे गालियां पड़ेगी। आप कभी जीत नहीं सकते हैं।'

बता दें कि यशवंत सिन्हा को ट्विटर पर एक नालायक बाप कहकर ट्रोल किया जाता रहा है।

नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने झारखंड के रामगढ़ में भीड़ द्वारा एक शख्स को पीट-पीटकर हत्या करने के आरोपियों को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को माला पहनाकर उनका स्वागत किया था।

लिंचिंग के आरोपियों को माला पहनाने की तस्वीर वायरल होने के बाद राजनीतिक पार्टियों सहित लोगों ने सोशल मीडिया पर जयंत सिन्हा की आलोचना की।

कांग्रेस ने तंज कसते हुए एक ट्वीट में कहा, 'यह सिर्फ न्यू इंडिया में हो सकता है, जहां फांसी पर लटकाने के बजाए लोगों को मालाएं पहनाई जा रही हैं।'

कांग्रेस ने कहा, 'बीजेपी नीत केंद्र सरकार के मंत्री पहले दंगों के आरोपियों का सम्मान करते हैं और अब वे लिंचिंग के दोषियों को माला पहना रहे हैं। क्या मोदी सरकार सामाजिक अस्थिरता को तो प्रोत्साहित नहीं कर रही।'

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सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने भारत के सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने और घृणा की राजनीति का प्रचार करने के लिए भी बीजेपी पर निशाना साधा।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'हमें यह देखने के लिए दूर जाने की आवश्यकता नहीं है कि कौन-सी विचारधारा हमारे सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ रही है। जब केंद्रीय मंत्री ही लिंचिंग के दोषियों को सम्मानित कर रहे हैं।'

हालांकि, जयंत सिन्हा ने अपने कृत्य का बचाव किया और कहा कि उन्हें देश की न्यायिक प्रणाली और कानून के शासन में पूर्ण विश्वास है। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्पष्ट रूप से हिंसा के सभी कृत्यों की निंदा की, लेकिन उन्हें त्वरित अदालत के फैसले के बारे में गलतफहमी हुई, जिसमें प्रत्येक आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

उन्होंने कहा, 'भारत के संवैधानिक लोकतंत्र में कानून का शासन सर्वोच्च है और किसी भी गैरकानूनी कृत्य, विशेष रूप से जो किसी भी नागरिक के अधिकारों का उल्लंघन करता हो, उसे कानून की पूर्ण शक्ति के साथ दंडित किया जाना चाहिए।'

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