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मोदी के नोटबंदी के फैसले की मुरीद हुई दुनिया, कई देशों में बड़े नोट बंद करने की तैयारी

हिन्दुस्तान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्लैक मनी पर जो सर्जिकल स्ट्राइक की उसकी पूरी दुनिया में उसकी वाह वाही हो रही है

Updated on: 15 Nov 2016, 11:14 AM

नई दिल्ली:

हिन्दुस्तान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्लैक मनी पर जो सर्जिकल स्ट्राइक की उसकी पूरी दुनिया में वाह वाही हो रही है। यूरोप से लेकर चीन तक हर जगह पीएम मोदी के इस सीक्रेट ऑपरेशन की चर्चा हो रही है। बड़े नोटों को बाजार से बाहर करने का कितना फायदा हो सकता है इसका उदाहरण इसी बात से लगाया जा सकता है कि यूरोपिय यूनियन के देशों ने भी बड़े नोटों को बंद करने का कदम उठाया है।

यूरोप भी बड़े नोटों को बंद करने की तैयारी में

भारत में 500 और 1 हजार के नोट बैन होने के बाद अब यूरोपिय यूनियन भी 500 यूरो के बड़े नोट को बंद करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए EU के सभी देशों ने 2018 तक की डेड लाइन भी तय की है। 500 के नोट बैन हो जाने से आतंकवाद की फंडिंग, ड्रग माफिया और कालेधन पर लगाम लगाने में बड़ी कामयाबी मिलेगी। 

अमेरिका में भी नहीं चलते बड़े नोट

यूरोपिय यूनियन की तर्ज पर ही अमेरिका भी बड़े नोटों पर बैन लगा चुका है।अमरीका में इन दिनों सबसे बड़ी करेंसी 100 डॉलर है। साल 1969 अमरीकी फेडरल रिजर्व ने 500, 1000, 5000 और 10,000 डॉलर के नोटों बंद कर चुका है इसके पीछे का मकसद भी आतंकवाद, ड्रग और दूसरी चीजों को रोकना था।

पाकिस्तान में भी बड़े नोट को उठी बैन करने की मांग

पाकिस्तान ने हमेशा ही भारत के खिलाफ़ सजिशे रचीं है।अपनी सरजमी का इस्तेमाल उसने हमेशा ही भारत के खिलाफ़ किया है फिर चाहे वो आतंकवाद या फिर नकली नोटों का कारोबार। भारत में आतंकवाद, हथियारों की तस्करी और ड्रग भेजने वाले पाकिस्तान में भी बड़े नोटों पर बैन लगाने की मांग होती रही है।

चीन बड़े नोटों पर लगा चुका है पाबंदी

इसके उलट चीन में ज़्यादा बड़े नोटों का प्रचलन नहीं है।चीन में 100 आरएमबी की नोट चलती है। लिहाजा भ्रष्टाचार के मामलों में चीन का ग्राफ पहले से काफी नीचे गिरा है।

स्वीडन में ट्रासपैरेंट इकोनॉमी 

दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो पूरी तरह ट्रासपैरेंट इकोनॉमी में तब्दील हो गए हैं। स्वीडन दुनिया का पहला कैशलेस देश बन गया है। स्वीडन में महज 2 फीसदी ट्रांसजेक्शन नकदी में होती है। 2020 तक ये आंकड़ा गिरकर 0.5 प्रतिशत रह जाएगा।