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पीएम ने दिया JAM का फॉर्मूला, कहा-देश में नहीं होगा 'डिजिटल डिवाइड'

गुजरात की राजधानी गांधीनगर में आईआईटी कॉलेज में सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'हम भारत के हर हिस्से में 'डिजिटल साक्षरता का प्रसार करने के लिए काम कर रहे हैं।'

Updated on: 08 Oct 2017, 06:12 AM

highlights

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में डिजिटल विभाजन की स्थिति नहीं बनने दी जाएगी 
  • मोदी ने कहा कि डिजिटल विभाजन से देश की सामाजिक समरसता को खतरा हो सकता है

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की राजधानी गांधीनगर में आईआईटी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) का उदघाटन करते हुए डिजिटल साक्षरता को बढ़ाने पर जोर दिया।

शुक्रवार को गुजरात की राजधानी गांधीनगर में आईआईटी कॉलेज में सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत के हर हिस्से में 'डिजिटल साक्षरता का प्रसार करने और डिजिटल डिवाइड को खत्म करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।'

पीएम ने कहा, 'भारत के सभी हिस्सों और सभी आयु वर्गों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने के लिए तेज़ी से काम किया जा रहा है।' और देश में 'डिजिटल विभाजन की स्थिति पैदा नहीं होने दी जाएगी।'

पीएम मोदी ने कहा कि अब लोगों के सामने विकास की नई अवधारणा सामने आई है। उन्होंने कहा कि अब विकास की 'JAM' अवधारणा सामने आई है, जिसमें  जे का मतलब जन, ए का मतलब आधार और एम का मतलब मोबाइल फोन है। 

मोदी ने कहा, 'डिजिटल भारत पारदर्शिता और गुड गवर्नेंस की गारंटी देता है।'

पीएम ने कहा कि अगर यूजर्स के अनुकूल तकनीक की शुरुआत की जाती है तो हम देश को डिजिटल साक्षरता के रास्ते पर ला सकते हैं।

पीएम मोदी ने कहा, 'देश में डिजिटल असंतुलन नहीं होना चाहिए। डिजिटल डिवाइड एक बहुत बड़ा सामाजिक संकट पैदा कर सकता है। समाज की समरसता के लिए विकास के मूलभूत बिंदुओं को समावेशित करने के लिए ग्रामीण भारत में डिजिटल अभियान चलाया गया है।'

पीएम ने कहा, 'जब गांव के किसी घर में टीवी आता है तो शुरू में सबको लगता है कि यह क्या है, लेकिन बच्चा जब कुछ ही दिन में चैनल बदलना सीख जाता है तो उसके बाद बुजुर्ग भी सीखना शुरू कर देते हैं। अगर यूजर फ्रेंडली तकनीक को पेश किया जाता है तो हम देश को डिजिटल साक्षरता के रास्ते पर ला सकते हैं।'

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पीएम मोदी ने इस दौरान जीएसटी और बुलेट ट्रेन के मुद्दे पर विपक्ष द्वार खड़े किए जा रहे सवालों पर भी तंज कसा। 

उन्होंने कहा कि अगर इस आईआईटी के लिए चुनाव के समय में इतनी महंगी जमीन दी होती तो आलोचना की जाती। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव के वक्त आईआईटी के लिए जमीन दी होती तो लोग कहते कि गुजरात में स्कूलों की बिल्डिंग ठीक हालत में नहीं है लेकिन सरकार हाईटेक आईआईटी बना रही है।

कुछ ऐसी ही आलोचना बुलेट ट्रेन को लेकर की जा रही है। 

इससे पहले एक और सभा में मोदी ने कहा कि इस बार दिवाली जल्दी आ गई है, क्योंकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के नियमों में कुछ राहत मिलने से छोटे और मझोले व्यापारियों को लाभ होगा।

मोदी इस साल के अंत में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर द्वारका में चुनावी अंदाज में बोलते नजर आए। उन्होंने द्वारका और भेंट-द्वारका को जोड़ने वाले 900 करोड़ रुपये लागत वाले चार-लेन के लिंक सेतु की आधारशिला रखी। 

दो दिवसीय गुजरात दौरे पर आए मोदी ने कहा, 'आज, हर जगह यह कहा जा रहा है कि जीएसटी परिषद में लिए गए फैसलों के चलते (शुक्रवार को) दीवाली 15 दिन पहले आ गई है। मैं खुश हूं।'

मोदी ने कहा कि छोटे व्यापारियों, व्यापारियों और निर्यातकों के लिए जीएसटी प्रावधानों में ढील देने का फैसला केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर नए कर व्यवस्था के कामकाज की समीक्षा करने के वादे के अनुसार था।

उन्होंने कहा, 'हमने कहा था कि हम कमियों सहित तीन महीनों के लिए जीएसटी से संबंधित सभी पहलुओं की समीक्षा करेंगे और इस प्रकार जीएसटी परिषद में आम सहमति से फैसला लिया गया है।' 

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