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क्या आप गुरदासपुर के 'पुलों वाले खन्ना' को जानते हैं, जानिए, विनोद खन्ना को क्यों मिला यह नाम

विनोद खन्ना ने राजनीति में पहला कदम 1998 में रखा। विनोद खन्ना भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर 1998 में गुरदासपुर से सांसद चुने गए।

Updated on: 27 Apr 2017, 06:23 PM

नई दिल्ली:

फिल्म अभिनेता और पंजाब के गुरदासपुर से सांसद विनोद खन्ना का गुरुवार (27 अप्रैल) को निधन हो गया। अपनी जिंदगी से जुड़े फैसलों से विनोद खन्ना हमेशा चौंकाते रहे।

परिवार का बिजनेस छोड़ पहले फिल्मों में आए और फिर अचानक स्टारडम की ऊंचाइयों पर सन्यास की राह पकड़ ली। इन सबसे अलग विनोद खन्ना ने राजनीति में भी हाथ आजमाए और ऐसे क्षेत्र में जहां अक्सर फिल्मी हस्तियों को गंभीरता से नहीं लिया जाता, वहां खुद को स्थापित किया।

राजनीति में विनोद खन्ना का सफर

विनोद खन्ना ने राजनीति में पहला कदम 1998 में रखा। विनोद खन्ना भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर 1998 में गुरदासपुर से सांसद चुने गए। इसके बाद वह साल-1999, 2004 में इस जगह से संसद चुने गए लेकिन 2009 में उन्हें प्रताप सिंह बाजवा से इसी सीट से हार का भी सामना करना पड़ा।

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इसके बाद 2014 के आम चुनाव में विनोद खन्ना ने गुरदासपुर से 1.38 लाख वोटों से धमाकेदार जीत दर्ज की।

विनोद खन्ना को क्यो याद रखेगा गुरदासपुर

गुरदासपुर के लोग विनोद खन्ना को इस बात के लिए हमेशा याद रखेंगे कि उन्होंने व्यास और रावी नदी पर दो महत्वपूर्ण पुल बनवाएं जो इस क्षेत्र को देश के दूसरे भाग से जोड़ने के लिए बेहद जरूरी था।

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इन पुलों के न होने के कारण नरोट मैहरा इलाके के लोग कठूआ जिला होते हुए गुरदासपुर आते थे। इस कारण उन्हें लगभग 40 किलोमीटर अधिक सफर तय करना पड़ता था। इसी तरह ब्यास पर पुल न होने के कारण गुरदासपुर के लोगों को चंडीगढ़ आदि जाने के लिए वाया पठानकोट या वाया बटाला जाना पड़ता था।

यही नहीं विनोद खन्ना ने क्षेत्र में होटल मैंनेजमैंट कॉलेज, सरकारी लड़कियों के स्कूल में शौचालय जैसे काम भी कराए। विनोद खन्ना ने रंजीत सागर डैम का निर्माण भी पूरा करवाया।

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