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अगर राजनाथ सिंह बनें यूपी के सीएम, तो किसको मिलेगी गृहमंत्री की कमान, अमित शाह करेंगे अंतिम फैसला

यूपी में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी के लिए राज्य का मुख्यमंत्री तय करना अपने आप में ही चुनौती है।

Updated on: 15 Mar 2017, 12:34 PM

नई दिल्ली:

राजनीतिक गालियारों में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की अप्रत्याशित जीत के बाद से वहां के मुख्यमंत्री को लेकर कई अटकलेंं लगाई जा रही हैं। वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह को यूपी की कमान सौंपने की संभावने शीर्ष पर हैं। बुधवार को बीजेपी ने राजनाथ सिंह को मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव पेश कर सभी अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया है। लेकिन 16 मार्च को अमित शाह अंतिम फैसला लेंगे कि आखिर में कौन होगा सीएम पद का प्रबल दावेदार। ऐसे में कयास ये भी लगाएं जा रहे हैं कि केंद्र में गृहमंत्रालय किसे सौंपा जाएगा।

हालांकि, इस दौड़ में कई लोगों का नाम लिया जा रहा है, जिसमें राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, मनोज सिन्हा, केशव प्रसाद मौर्य प्रमुख हैं। यूपी में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी के लिए राज्य का मुख्यमंत्री तय करना अपने आप में ही चुनौती है, क्योंकि जितनी बड़ी जीत है, उतनी ही बड़ी सीएम पद के दावेदारों की लिस्ट भी।

16 मार्च को बीजेपी विधायकों की बैठक

16 मार्च को लखनऊ में बीजेपी की विधायकों की बैठक है, जिसमें पर्यवेक्षक के तौर पर वेंकैया नायडू और भूपेंद्र यादव भी शामिल होंगे। इस बैठक में दोनों पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट अमित शाह को देंगे, जिसके बाद ही सीएम पद के दावेदार पर मुहर लगेगी।

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राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार

सीएम की रेस में राजनाथ सिंह का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है। खबरों की मानें तो कोयंबटूर में आरएसएस नेताओं की बैठक में राजनाथ सिंह सहित कई नामों पर चर्चा होने की खबर है। राजनाथ सिंह के इस रेस में अव्वल होने के कई अन्य कारण भी हैं। पहला तो वो अनुभवी हैं, दूसरा पार्टी में उनके नाम पर कोई विरोध नहीं होगा। पहले भी वो यूपी के सीएम रह चुके हैं।

पार्टी में दो बड़े पद होंगे खाली

हालांकि, ये भी खबरें ​हैं कि राजनाथ दिल्ली से लखनऊ नहीं जाना चाहते हैं। उन्हें कई मौकों पर मीडिया से मना करते हुए भी देखा जा चुका है। वहीं दूसरी ओर पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के गोवा चले जाने के बाद से दिल्ली में एक बड़ी जगह खाली हो चुकी है और राजनाथ भी दिल्ली छोड़ देते हैं, तो मोदी कैबिनेट में बड़े पदों को भरना बड़ी चुनौती बन सकती है।

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संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा भी रेस में

इस रेस में दूसरा बड़ा नाम केंद्रीय संचार मंत्री व गाजीपुर से सांसद मनोज सिन्हा का है। मोदी सरकार में स्वतंत्र प्रभार के संचार मंत्री हैं। रेल राज्यमंत्री की भी जिम्मेदारी इनके पास है और दो बार पहले भी सांसद रह चुके हैं।

योगी आदित्यनाथ का भी नाम

गोरखपुर के सांसद आदित्यनाथ का नाम भी सीएम की रेस में है। योगी के समर्थक तो चुनाव से पहले ही योगी को अपना सीएम घोषित कर चुके हैं। कट्टर छवि और विवादित चेहरा होने की वजह से आदित्यनाथ के नाम पर पार्टी को एतराज हो सकता है।

केशव प्रसाद मौर्य

फुलपूर के सांसद और प्रदेशाध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य की भी लॉटरी निकल सकती है। केशव उस पिछड़ी जाति से आते हैं, जो अब बीजेपी का वोट बैंक बनता जा रहा है। इसके अलावा सतीश महाना, सुरेश खन्ना जैसे पुराने विधायकों के नाम भी हवा में हैं।

ये देखना अपने आप में ही खास होने वाला है कि देश के सबसे बड़े राज्य की कमान किसके हाथ जाती है। 

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