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CBI ने कहा, कार्ति जब विदेश गए तो बंद करा दिए पैसे आने वाले बैंक खाते

जांच एजेंसी के अनुसार कार्ति विदेश में थे तो उन्होंने उन बैंक खातों को बंद करवा दिया, जिनमें उन्हें पैसे मिले थे।

Updated on: 02 Mar 2018, 12:27 AM

नई दिल्ली:

आईएनएक्स मीडिया मामले में कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कोर्ट में जांच एजेंसी केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने कहा है कि उनके खिलाफ चौंकाने वाले सबूत है। जांच एजेंसी के अनुसार कार्ति विदेश में थे तो उन्होंने उन बैंक खातों को बंद करवा दिया, जिनमें उन्हें पैसे मिले थे।

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने इस बात को कहा। एजेंसी के तरफ से तर्क सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश सुनील राणा ने कार्ति की हिरासत को पांच दिनों के लिए बढ़ा दिया।

सुनवाई के दौरान उसने पिता पी चिदंबरम और माता नलिनी चिदंबरम भी कोर्ट में मौजूद थे। अदालत में सीबीआई की तरफ से पेश अतिरिक्त सलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 'यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला नहीं है।'

तुषार मेहता ने कहा, 'कार्ति के खिलाफ काफी चौंकाने वाले सबूत मिले हैं कि उन्होंने विदेश जाकर क्या किया?' मेहता ने आगे कहा, 'जब वह (कार्ति) विदेश गए थे तो उन्होंने वहा उन बैंक खातों को बंद कर दिया, जिनमें धन प्राप्त हुआ था।'

रिमांड मिलने के बाद कार्ति ने कहा, 'मैं जल्द ही निर्दोश साबित हो जाउंगा।'

बुधवार को कार्ति को गिरफ्तार किया गया था और कोर्ट में पेश किया गया था। पेशी के बाद कार्ति को एक दिन के लिए रिमांड पर भेजा था। पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश में कथित तौर पर गैर-वाजिब मंजूरी देने का आरोप लगा था।

सीबीआई ने कहा, 'साफ तौर पर कार्ति के खिलाफ हमारे पास सबूत हैं। हमारे पास कई ईमेल और चालान हैं जिससे यह पता चलता है कि लेन देन में उनकी संलिपत्ता है।'

कार्ति के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील में सीबीआई का विरोध किया और कहा, 'उनके मुवक्किल को जेल भेजने की कोई वजह नहीं है।'

सिंघवी के इस दलील के विरोध में ईडी के वकील ने कहा कि कार्ति जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वकील ने कोर्ट में कहा कि कार्ति को रिहा किए जाने से जांच की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।

इतना ही नहीं कोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने जज के सामने कुछ गोपनीय दस्तावेज भी रखे। दस्तावेज के आधार पर वकील ने किसी बड़ी साजिश की आशंका जाहिर की।

मेहता ने कहा, 'उनसे केवल कुछ देर ही पूछताछ की गई। यह आश्चर्यजनक है कि कार्डिएक समस्या का कोई भी इतिहास नहीं रहने के बावजूद, डॉक्टरों ने उन्हें सीसीयू में रहने की सलाह दी।'

उन्होंने कहा कि एक दिन की हिरासत ज्यादा नहीं थी और सीबीआई को कार्ति से पूछताछ के लिए 14 दिनों की हिरासत की जरूरत है।

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मेहता ने कार्ति और तत्कालीन वित्तमंत्री पर सांठगांठ कर आईएनएक्स मीडिया को विदेशी प्रवर्तन विदेशी निवेश एवं संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से धन के लिए मंजूरी दिलाने का आरोप लगाया।

मेहता ने कहा कि कार्ति को उनके चार्टर अकाउंटेंट भास्कर रमन समेत मामले के अन्य आरोपियों और संदिग्धों के समक्ष पूछताछ किए जाने की जरूरत है।

रमन पहले से ही इस मामले में हिरासत में हैं। अभियोजन पक्ष ने कहा कि इसके लिए कई शहरों की यात्रा करनी पड़ेगी जिस वजह से 14 दिन की हिरासत की जरूरत है।

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