logo-image

सुंदरकांड में हनुमान ने विभीषण को बताई थी अपनी जाति, जानें किस जाति के हैं बजरंगबली

वैसे सनातन धर्म में भगवान और भगवान के अवतारों को धर्म और जाति में नहीं बांटा गया है.

Updated on: 26 Dec 2018, 01:00 PM

नई दिल्‍ली:

राजनेताओं के बयान ऐसे हैं जैसे मान न मान तू मेरा है हनुमान (Hanuman) . वैसे सनातन धर्म में भगवान और भगवान के अवतारों को धर्म और जाति में नहीं बांटा गया है. लेकिन हनुमान (Lord Hanuman) कौन हैं इस विमर्श को आगे बढ़ाने से पहले आपको धार्मिक ग्रंथों और धर्म कथाओं के कुछ अंश दिखाते हैं जहां से पता चलता है कि हनुमान कौन थे.श्रीराम (Shreeram) के सबसे बड़े भक्त हैं पवनसुत हनुमान.अंजनिपुत्र हनुमान बजरंगबली (Bajarangbali) हैं .

यह भी पढ़ेंः योगी के मंत्री ने भगवान हनुमान को बताया 'जाट', दिया अजीबो-गरीब तर्क

वह रुद्रावतार हैं. यूं तो हनुमान को सनातन मिथकों में 108 नामों से जाना जाता है लेकिन रामकथा के सबसे प्रचलित स्वरूप रामचरितमानस में संत तुलसीदास ने सुंदरकांड में हनुमान और विभीषण के बीच संवाद का ज़िक्र किया है. रामचरितमानस(Ramcharit manas) के सुंदरकांड (Sundarkand)  की इस चौपाई में हनुमान (Hanuman) ने भगवान श्रीराम की तारीफ करते हुए खुद को अधम (Sheduled caste) बताया था.

ये उस प्रसंग का हिस्सा है जब लंका में प्रवेश के बाद हनुमान को एक मकान के बाहर शंख-चक्र और तुलसी दिखाई पड़ती है. हनुमान को आशंका होती है कि यहां रामभक्त कौन हो सकता है. तभी अंदर से विभीषण निकलते हैं और ब्राह्णण के भेष में हनुमान ने उन्हें अपना असली परिचय दिया.रामचरित मानस में ये सबसे चर्चित प्रसंग है जहां हनुमान जी अपने बारे में खुद अपने मुख से कुछ बताते हैं और लगता है कि मानस महाकाव्य के इसी प्रसंग को लेकर शायद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को दलित वंचित बताया था.

हनुमान जाति-धर्म, मुसलमान में उलझे पड़े हैं 

हिंदुस्तान में सियासतदानों के कंधे पर बेरोजगारी, किसान, बिजली, सड़क, पानी, इलाज जैसे मुद्दे से निपटने की जिम्मेदारी होती है वो जाति-धर्म, हनुमान मुसलमान में उलझे पड़े हैं या जान बूझकर देश को उलझाए रखना चाहते हैं.लेकिन इस पूरी बहस की रोशनी में देखें तो आखिर क्या वजह है कि संकटमोचन हनुमान पर ही राजनीति दांव और दावे हो रहे हैं.दरअसल सनातन धर्म की कथाओं में हनुमान बल-बुद्धि, चातुर्य, भक्ति के प्रतीक तो हैं ही.सबसे बड़े संकटमोचन माने जाते हैं.सनातन मिथक में कैसे देखे गए हैं हनुमान.

यह भी पढ़ेंः पातालकोट से जुड़े हैं अमेरिका के होंडुरस के तार, क्‍या हनुमान इसी रास्‍ते से गए थे पातालनगरी

श्रीराम भक्त हनुमान यानी एक ऐसे देवता जिनकी ख्याति समस्त ब्रह्मांड में है. हनुमान यानि वो बालक जिसने बचपन में ही सूरज को लड्डू समझकर निगल लिया था. ऐसे प्रचंड तेज वाले बालक के तौर पर हनुमान का बचपन याद किया जाता है. जंगल में सर्वशक्तिमान बाल हनुमान की चंचलता इतनी थी कि नाराज होकर संतों ने उन्हें शक्तियां भूल जाने का श्राप दे दिया था.

यह भी पढ़ेंः अमेरिका से रहा है हनुमान जी का नाता! रिसर्च में किया गया दावा

हनुमान के युवा अवस्था का गुणगान श्रीराम की भक्ति के साथ होता है.जब हनुमान लंका में माता सीता को खोजने जाते हैं. युद्ध के मैदान में श्रीराम की जय के लिए हनुमान ने सैकड़ों राक्षसों का संहार किया और श्रीराम के संकट मोचन बने और आखिरी स्वरूप में हनुमान की सर्वस्व व्याख्या वज्र देह वाले और राक्षसों का संहार करने वाले के रूप में की जाती है.

इस तरीक़े से हिंदू मिथकों में कोई दूसरा पूज्य देवता ऐसा नहीं है जिसमें बजरंगबली हनुमान के मुक़ाबले के गुणों का बखान किया गया हो.यही वजह है कि आज हिंदुस्तान में मंदिरों के अंदर पूजे जाने वाले सबसे बड़े देवता बजरंगबली हनुमान ही हैं.

VIDEO: Bada Sawaal: राम, शिव, हनुमान, राजनीति के कितने है भगवान?