वित्त मंत्रालय में हलवा समारोह का आयोजन, जानें क्यों होता है इसका आयोजन
वित्त मंत्रालय में बजट के दस्तावेजों के प्रिंटिंग का काम शुरू हो गया है. इससे पहले परंपरा के मुताबिक, 'हलवा समारोह' का आयोजन किया गया.
नई दिल्ली:
वित्त मंत्रालय में बजट के दस्तावेजों के प्रिंटिंग का काम शुरू हो गया है. इससे पहले परंपरा के मुताबिक, 'हलवा समारोह' का आयोजन किया गया. इस दौरान केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला, सचिव सुभाष गर्ग, केंद्रीय मंत्री पी.राधाकृष्णन मौजूद थे. अपने कार्यकाल में पहली बार वित्त मंत्री अरुण जेटली इस समारोह का हिस्सा नहीं बन सके, क्योंकि स्वास्थ्य कारणों से इस समय वे अमेरिका में हैं. उनकी अनुपस्थिति में वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने इस समारोह का नेतृत्व किया.
Delhi: Halwa Ceremony held in Finance Ministry to mark the beginning of printing of documents relating to General Budget 2019, attended by Minister of State for Finance Shiv Pratap Shukla, Secretary DEA Subash Garg and MoS Road Transport and Highways Pon Radhakrishnan pic.twitter.com/pvX0pXWfc9
— ANI (@ANI) January 21, 2019
हलवा सेरेमनी के साथ ही अधिकारी और कर्मचारी बजट बनाने के काम में जुट जाते हैं और ये तमाम लोग और वित्त मंत्रालय के 100 अधिकारी बजट पेश होने तक नजरबंद कर दिए जाते हैं. बजट पेश होने तक ये लोग घर-परिवार और समाज से कटे रहते हैं. उनके पास केवल एक फोन होता है जिसके जरिए वे केवल कॉल रिसीव कर सकते हैं, मगर कहीं कॉल कर नहीं सकते. बजट पत्र वित्त मंत्रालय के निजी प्रेस में छपते हैं.
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बजट का प्रारूप तैयार हो जाता है तो छपाई के लिए भेजा जाता है. छपाई का काम शुरू होने से पहले ही यह हलवा बनाने की रस्म पूरी की जाती है. सभी अधिकारी बजट का फाइनल काम शुरू होने से पहले इसका उत्सव मनाते हैं. इन अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जाता है.
क्या है हलवा समारोह
बजट को अंतिम रूप देने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा बनाया जाता है. यह रस्म लंबे समय से चली आ रही है. शुभ काम की शुरुआत मीठे से करना हलवा सेरेमनी की प्रमुख वजह है.
1 फरवरी को पेश होगा अंतरिम बजट
आपको बता दें कि संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCPA) की बैठक में फैसला लिया गया है कि अंतरिम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा, और संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा. मोदी सरकार के इस कार्यकाल का यह आखिरी बजट है. माना जा रहा है कि इस बार के बजट में मोदी सरकार लोकसभा चुनाव के लिए कोई बड़ा दांव चल सकती है.
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