आर्टिकल 35 ए क्या है, क्यों हो रहा विवाद. यहां पढ़ें पूरी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 35A को रद्द करने संबंधी याचिका पर सुनवाई टाल दी है।
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 35A (Article 35A) को रद्द करने संबंधी याचिका पर सुनवाई टल दी है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई अब 27 अगस्त हो होगी। बता दें कि इस आर्टिकल को लेकर दिल्ली से जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) तक विवाद है। आइए जानते हैं कि आर्टिकल 35A क्या है?
क्या है आर्टिकल 35ए (Article 35A)
राष्ट्रपति के आदेश के बाद 14 मई 1954 को आर्टिकल 35ए (Article 35A) प्रकाश में आया था। आर्टिकल 35ए राज्य विधानसभा को यह अधिकार देता है कि वह राज्य के स्थायी निवासियों की घोषणा कर सकती है और उनके लिए विशेष अधिकार निर्धारित कर सकती है।
यह अनुच्छेद 14 मई 1954 से जम्मू-कश्मीर में लागू है। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के आदेश पर यह अनुच्छेद पारित हुआ था।
सर्वोच्च न्यायालय में इस आर्टिकल की वैधता को चुनौती दी गई है। याचिका में आर्टिकल को रद्द करने की मांग की गई है।
धारा को निरस्त करने की क्यों कर रहे हैं मांग
इस धारा को निरस्त करने की मांग करने वालों का कहना है कि धारा 368 के तहत संविधान संशोधन के लिए नियत प्रक्रिया का पालन करते हुए इसे संविधान में नहीं जोड़ा गया था।
और पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट में 35A की वैधता पर सुनवाई टली, कोर्ट ने कहा कि पहले तीन जजों की बेंच करे फैसला
अनुच्छेद 35A (Article 35A), धारा 370 का ही हिस्सा है। इस धारा की वजह से कोई भी दूसरे राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में संपत्ति नहीं खरीद सकता है और ना ही वहां का स्थायी नागरिक बन सकता है।
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