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जानिए, क्यों मनाते हैं वायुसेना दिवस और इंडियन एयर फोर्स से जुड़ी खास बातें

वायुसेना भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, और वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है।

Updated on: 08 Oct 2017, 04:20 AM

highlights

  • 1932 में हुई थी भारतीय वायुसेना की स्थापना
  • पूरे देश में भारतीय वायुसेना के 60 से ज्यादा एयरबेस मौजूद
  • अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना

नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी। इसी मौके को याद करते हुए हर साल इस दिन को भारतीय वायुसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है।

वायुसेना भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, और वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। आजादी से पहले इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था मगर बाद में इसके नाम से रॉयल शब्द को हटा दिया गया।

भारतीय वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। भारतीय वायुसेना के पास कुल मिलाकर 1,70000 जवान और 1350 लड़ाकू विमान हैं। अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत में सबसे बड़ी वायुसेना मौजूद है।

भारतीय वायुसेना के 60 से ज्यादा एयरबेस हैं जो देश के हर कोने में स्थित हैं।

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साल 1990 में पहली बार महिलाओं को भी सशस्त्र बल में शामिल किया गया, लेकिन उन्हें शार्ट सर्विस कमीशन ऑफिसर के तौर पर सिर्फ 14 से 15 साल तक ही सर्विस देने की अनुमति दी गई। साल 1990 में ही पहली बार चॉपर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाने वाले दल में महिलाओं को शामिल किया गया।

भारतीय वायु सेना में पांच कमानें हैं। नई दिल्ली में पश्चिमी कमान, इलाहाबाद में केंद्रीय (मध्य) कमान, शिलांग में पूर्वी कमान, जोधपुर में दक्षिण पश्चिमी कमान और तिरुअनंतपुरम में दक्षिणी कमान है।

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भारत के राष्ट्रपति भारतीय वायुसेना के कमांडर इन चीफ होते हैं। भारतीय वायुसेना के दायित्व ओर उसके मिशन को सशस्त्र बल अधिनियम 1947 के द्वारा पारिभाषित किया गया है।

सभी संभावित खतरों से भारतीय हवाई क्षेत्र की रक्षा करना, सशस्त्र बलों की अन्य शाखाओं के साथ सामंजस्य स्थापित कराना और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा भारतीय वायुसेना की प्राथमिक जिम्मेदारी है। भारतीय वायुसेना युद्ध के मैदान में भारतीय सेना के सैनिकों को हवाई समर्थन तथा सामरिक और रणनीतिक एयरलिफ्ट करने में भी सहयोग देती है।

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