logo-image

जानिए आखिर क्या है धारा 497, क्यों हुई है याचिका दर्ज

याचिका में शिकायत की गई है कि इस धारा के तहत एडल्टरी मामले में पुरुष के दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है लेकिन इसमें महिलाओं को सजा देने का प्रावधान नहीं है। याचिकाकर्ता ने इसमें फेरबदल की मांग की है।

Updated on: 02 Aug 2018, 01:30 PM

नई दिल्ली:

इन दिनों IPC की धारा 497 चर्चाओं में बनी हुई है। इस धारा का विरोध करते हुए कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।

याचिका में शिकायत की गई है कि इस धारा के तहत एडल्टरी मामले में पुरुष के दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है लेकिन इसमें महिलाओं को सजा देने का प्रावधान नहीं है। याचिकाकर्ता ने इसमें फेरबदल की मांग की है।

क्या है धारा 497?

धारा 497 के मुताबिक, अगर कोई शादीशुदा पुरुष किसी शादीशुदा महिला से शारीरिक संबंध बनाता है, तो इसमें सिर्फ उस मर्द को ही सजा होगी। इस मामले में शादीशुदा महिला पर किसी तरह के आरोप नहीं लगेंगे। इस मामले में पुरुष के लिए पांच साल की सजा का प्रावधान है।

इटली में रहने वाले केरल मूल के एक सामाजिक कार्यकर्ता जोसेफ साइन ने धारा 497 को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

जिसमें कहा गया है कि अगर शादीशुदा पुरुष और शादीशुदा महिला की आपसी सहमति से संबंध बने, तो सिर्फ पुरुष आरोपी कैसे हुआ? याचिका में कहा गया है कि 150 साल पुराना ये कानून मौजूदा दौर में बेमानी है।

और पढ़ें- मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: ब्रजेश ठाकुर के एक और आश्रय गृह पर पुलिस ने मारी रेड, 11 महिलाएं लापता