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रोहिंग्या के समर्थन में उतरी ममता सरकार, 'सभी को आतंकी कहना ठीक नहीं'

पश्चिम बंगाल बाल संरक्षण आयोग ने गुरुवार को रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

Updated on: 21 Sep 2017, 06:55 PM

highlights

  • रोहिंग्या के समर्थन में उतरी ममता सरकार, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका
  • पश्चिम बंगाल बाल संरक्षण आयोग ने कहा सभी रोहिंग्याओं को आतंकी कहना ठीक नहीं

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल बाल संरक्षण आयोग ने गुरुवार को रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। रोहिंग्या मुसलमानों के पक्ष में अन्नया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया है।

इस याचिका को कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। याचिका पर संभवतः तीन अक्टूबर को सुनवाई होगी। अपनी याचिका में उन्होंने कहा, 'रोहिंग्या के समूचे समुदाय को आतंकवादी नहीं कहा जा सकता।'

इससे पहले 18 सिंतबर को भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक शपथ पत्र दाखिल कर कहा था कि रोहिंग्या मुसलमान देश के लिए खतरा हैं। राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम के दौरान कहा था कि रोहिंग्या मुस्लिम देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उन्हें वापस भेजा जाएगा।

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इससे पहले एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान रोहिंग्या मुसलमान अवैध अप्रवासी बताया था। राजनाथ ने कहा था, 'रोहिंग्या शरणार्थी नहीं हैं। इसकी एक प्रक्रिया होती है। इनमें से किसी ने इसका पालन नहीं किया।'

राजनाथ सिंह के इस बयान के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, 'रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध अप्रवासी कहना गृह मंत्री का बयान ठीक नहीं है।'

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आपको बता दें कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में हुई हिंसा के बाद करीब 400,000 रोहिंग्या मुसलमानों बांग्लादेश पलायन कर चुके हैं। म्यांमार में 25 अगस्त को बौद्ध और मुस्लिम के बीच संघर्ष हुआ था। जिसके बाद से रोहिंग्या मुस्लिम पलायन कर रहे हैं।

वहीं भारत सरकार ने 2012 में हुई हिंसा के बाद भारत आए रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस भेजने का फैसला किया है। सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। भारत में करीब 40000 रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं।

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केंद्र ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों के भारत में रहने पर देश के संसाधन और देश की जनता के अधिकार प्रभावित होंगे।

केंद्र ने कहा कि कई रोहिंग्या पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, आईएस और अन्य ऐसे उग्रवादी समूहों की संदिग्ध घातक योजनाओं में भी दिखे हैं जो भारत में संवेदनशील क्षेत्रों में सांप्रदायिक हिंसा भड़काकर अपने निहित स्वार्थो की पूर्ति करना चाहते हैं।

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