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माओवादियों की मदद से हथियारबंद विद्रोह की तैयारी में GJM, पड़ोसी देशों से ली जा रही मदद: बंगाल पुलिस

अलग राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) अब सशस्त्र विद्रोह की तैयारी में जुट गया है। पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जीजेएम ने हथियारबंद विद्रोह के लिए माओवादियों के कैडरों को अपने संगठन में भर्ती किया है।

Updated on: 23 Jul 2017, 05:21 PM

highlights

  • अलग राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) अब सशस्त्र विद्रोह की तैयारी में जुट गया है
  • बंगाल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जीजेएम ने हथियारबंद विद्रोह के लिए माओवादियों के कैडरों को अपने संगठन में भर्ती किया है
  • हालांकि अगल दार्जिलिंग राज्य की मांग कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने बंगाल पुलिस की इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है

नई दिल्ली:

अलग राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) अब सशस्त्र विद्रोह की तैयारी में जुट गया है।

पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जीजेएम ने हथियारबंद विद्रोह के लिए माओवादियों के कैडरों को अपने संगठन में भर्ती किया है।

बंगाल के एडीजे (लॉ एंड ऑर्डर) अनुज शर्मा ने पीटीआई को बताया, 'हमारे पास खुफिया एजेंसियों से मिला इनपुट है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने पड़ोसी देशों से माओवादियों के कैडरों को भर्ती किया है जो सरकारी संपत्तियों और पुलिस के बड़े अधिकारियों को निशाना बना सकते हैं। साथ ही माओवादी आंदोलन को हिंसक बनाने की तैयारी में हैं।'

हालांकि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने इन आरोपों को पूरी तरह से बकवास बताकर खारिज कर दिया है। जीजेएम के महासचिव रोशन गिरी ने कहा, 'यह पूरी तरह से बकवास सूचना है। यह हमारे लोकतांत्रिक आंदोलन को बदनाम करने की साजिश है।'

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जीजेएम ने अपने कैडरों की ट्रेनिंग के लिए 25-30 माओवादियों की नियुक्ति की है।

अधिकारी ने बताया, 'जीजेएम के पास भारी मात्रा में हथियार और असलहे हैं जो उसने पिछले कुछ सालों में जमा किया है। हमारे पास सूचना है कि वह भूमिगत हथियारबंद विद्रोह की तैयारी कर रहे हैं।' एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सरकार 'किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।'

दार्जिलिंग में पिछले 38 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रहा है और इस दौरान पुलिस चौकियों पर हमले हुए हैं। इस दौरान हथियार भी लूटे गए हैं।

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