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SC/ST एक्ट: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, आपके फ़ैसले से देश का हुआ नुकसान

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि एससीएसटी कानून पर दिये गए कोर्ट के आदेश से उसके प्रावधान कमजोर हुए हैं। साथ ही कहा है कि इसे ठीक करने के लिये कदम उठाया जाना चाहिये।

Updated on: 12 Apr 2018, 06:09 PM

नई दिल्ली:

एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर हाल ही में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर केंद्र सरकार ने कहा कि इस नए फ़ैसले ने क़ानून को कमज़ोर कर दिया है, जिसे देश को नुकसान हो रहा है।

सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, कोर्ट को चाहिए कि वो इस फ़ैसले में सुधार करे क्योंकि यह बेहद संवेदनशील मामला है और इसको लेकर कोर्ट का जो फैसला आया है उससे देश में ग़ुस्से, हंगामे और हिंसा का माहौल पैदा हो गया है।

सरकार ने कहा कि इस केस में शीर्ष अदालत के फैसले से भ्रम पैदा हुआ है ऐसे में कोर्ट को जजमेंट पर पुनर्विचार या निर्णय वापस करने पर विचार करना चाहिए।

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अदालत को सरकार की राय बताते हुए कहा, 'उसने अनुसूचित जाति-जनजाति ऐक्ट, 1989 में सुधार की बात नहीं की। इसकी बजाय उसने इसके कुछ प्रावधानों में ही बदलाव कर दिया। यही नहीं अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को उसकी शक्तियों के बारे में बताते हुए कहा कि विधायिका और न्यायपालिका की शक्तिया अलग-अलग हैं।'

उन्होंने लिखित राय में कहा, 'अदालत ने अनुसूचित जाति-जनजाति हिंसा निवारण अधिनियम में जो बदलाव किए हैं, उससे देश को बड़ा नुकसान हुआ है।'

उन्होंने कहा, 'ये मामला बेहद संवेदनशील है और इस पर फैसले के चलते देश में गुस्से, असहजता और सद्भाव खत्म होने का माहौल बना हुआ है।'

बता दें कि 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए एससी-एसटी ऐक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने और अग्रिम जमानत के प्रावधान को मंजूरी देने का फैसला दिया था।

जिसके बाद 2 अप्रैल को दलित संगठनों की ओर से भारत बंद का आह्वान किया गया था। इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। सरकार उस घटना को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट को अपनी राय से अवगत करा रही थी।

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