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अंत्येष्टि के दौरान अनचाही कॉल: कंज्यूमर कोर्ट का आदेश, कॉलर-कंपनी दें मुआवज़ा

अधिकतर लोग अनचाही फोन कॉल से परेशान रहते हैं। लेकिन अंत्येष्टि के दौरान एक व्यक्ति को लोन ऑफर के लिये आई कॉल ने उसे मुआवज़ा दिलाया।

Updated on: 25 Apr 2017, 02:36 PM

नई दिल्ली:

अधिकतर लोग अनचाही फोन कॉल से परेशान रहते हैं। लेकिन अंत्येष्टि के दौरान एक व्यक्ति को लोन ऑफर के लिये आई कॉल ने उसे मुआवज़ा दिलाया। अंत्येष्टि कार्यक्रम के दौरान एक व्यक्ति के पास लोन देने के लिये कॉल आई। इससे नाराज उस व्यक्तिन ने कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत कर दी और कोर्ट ने उसे मुआवज़ा देने का फैसला सुनाया है।

एक कंज्यूमर कोर्ट ने टेलिकॉलर कंपनी आई-क्यूब और कॉल कर पर्सनल लोन और क्रेडट कार्ड का ऑफर करने वाले कन्हैयालाल ठक्कर को आदेश दिया है कि वो शिकायतकर्ता को 20000 रुपये मुआवज़ा दें। उस पर आरोप तय हुआ है कि उसने शिकायतकर्ता को परेशान किया है, जब वो अंत्येष्टि में व्यस्त था।

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जिस समय कॉलर फोन के जरिए लोन की पेशकश कर रहा था तब शिकायतकर्ता अपने रिश्तेदार की अंत्येष्टि में व्यस्त था। कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक, कंपनी और कॉलर, दोनों को 10-10 हजार रुपये का मुआवजा देना होगा।

कॉल करने वाली कंपनी आई-क्यूब और वोडाफोन एस्सार गुजरात लिमिटेड को कन्ज्यूमर वेलफेयर फंड के तहत 10,000 रुपयों की पेमेंट करने के लिए भी कहा गया है। क्योंकि इन्होंने टेलिकॉलर कंपनी के साथ शिकायतकर्ता का नाम, नंबर और व्यक्तिगत जानकारी शेयर करने का भी आरोप लगाया था, जो उऩकी निजी जानकारी का खुलासा करता है।

टेली कॉलर कंपनी ने कंज्यूमर राइट्स ऐक्टिविस्ट पीवी मुरजनी को फोन कर कहा था कि उनको सिटी बैंक लोन और क्रेडिट कार्ड ऑफर कर रही है।

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जिसके बाद मुरजनी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आई-क्यूब के कर्मचारियों ने माना कि उन्होंने गलती की है।

मुरजनी ने शिकायत में कहा था कि अपने रिश्तेदार के अंत्येष्टि के दौरान आई कॉल के कारण वो परेशान हुए जिसके कारण अंतिम क्रिया से उनका ध्यान भी भटका।

मामला साल 2007 का है। सुनवाई के बाद कन्ज्य़ूमर कोर्ट ने आई-क्यूब और कॉलर ठक्कर को दोषी पाते हुए मुआवज़े का फैसला सुनाया।

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