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Uttar Pradesh: गोरखपुर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राज्यपाल और मुख्यमंत्री करेंगे अगवानी

गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षण संस्थान के संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन महोत्सव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की शिरकत को लेकर तैयारियां अब लगभग पूरी हो चुकी हैं.

Updated on: 09 Dec 2018, 11:31 AM

लखनऊ:

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने दो दिवसीय दौरे (9-10 दिसंबर) के चलते, रविवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में होंगे. गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षण संस्थान के संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन महोत्सव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की शिरकत को लेकर तैयारियां अब लगभग पूरी हो चुकी हैं. राष्ट्रपति के आगमन को लेकर गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन बेहद उत्साहित है. आज शाम 5 बजे से लेकर सोमवार दोपहर 12 बजे तक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी गोरखपुर में रहेंगी और उनकी सुरक्षा से लेकर उनके द्वारा कार्यक्रमों में शिरकत को लेकर अब सब कुछ फाइनल हो चुका है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद नौ दिसंबर को गोरखपुर पहुंच रहे हैं. राष्ट्रपति नौ दिसंबर की दोपहर बाद 3:10 बजे राष्ट्रपति भवन से प्रस्थान करेंगे. लगभग 3:35 पर उनका विशेष विमान दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भरेगा और शाम 4:55 पर गोरखपुर एयरपोर्ट पर उनका आगमन होगा. 5:20 पर वह गोरखपुर सर्किट हाउस पहुंचेगे. शाम 7:00 से 8:00 बजे तक का समय अति गण्यमान्य लोगों के साथ मुलाकात के लिए आरक्षित रहेगा. सर्किट हाउस में ही भोजन करने के बाद वह रात्रि विश्राम करेंगे. 10 दिसंबर की सुबह राष्ट्रपति 9:15 बजे सर्किट हाउस से चलकर 9:30 बजे गोरखनाथ मंदिर पहुंचेगे. सुबह 9:30 से 10:00 तक का समय आरक्षित है. सुबह 10:00 से 11:00 बजे तक राष्ट्रपति महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलत होंगे. सुबह 11:00 बजे राष्ट्रपति गोरखनाथ मंदिर से चलकर सीधे एयरपोर्ट जाएंगे और 11:30 बजे उनका विमान दिल्ली के लिए उड़ान भरेगा.

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी की सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं. जमीन पर सेना, पैरामिलिट्री, एटीएस समेत चार हजार से अधिक फोर्स तैनात रहेगी तो आसमान में वायु सेना के हेलीकाप्टर और ड्रोन नजर रखेंगे. सर्किट हाउस वाले मार्ग पर नजर रखने के लिए रामगढ़ताल में स्टीमर पर फोर्स तैनात रहेगी. एयरपोर्ट से लेकर सर्किट हाउस और वहां से गोरखनाथ मंदिर के बीच ऊंची इमारतों पर जगह-जगह स्नाइपर्स पोजिशन संभालेंगे. राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए दो घेरे होंगे. पहले घेरे में सेना के जवान मोर्चा संभालेंगे तो दूसरे में पैरामिलिट्री फोर्स, एटीएस, पीएसी, एसटीएफ और पुलिस तैनात रहेगी. उनकी सुरक्षा के लिए जोन के 11 जिलों से लगभग चार हजार जवानों की मांग की गई है.

एसएसपी डॉ सुनील गुप्ता गोरखपुर ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 दिसंबर के आयोजन में शिरकत करने के लिए राष्ट्रपति का प्रवेश मंदिर के मुख्य द्वार से होगा और उनका वाहन सीधे गुरु गोरक्षनाथ मंदिर की सीढि़यों तक पहुंचेगा. उनकी वापसी भी मुख्य द्वार से ही होगी. मंदिर का मुख्य द्वार केवल राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के प्रवेश के लिए खुलता है. बाकी अतिथियों का प्रवेश मंदिर के उत्तर दिशा में मौजूद वीआइपी गेट से होता है. राष्ट्रपति वाहन से उतरकर पूरब गुरु गोरक्षनाथ के मंदिर में भी मुख्य द्वार से ही प्रवेश करेंगे और गुरु के दर्शन-पूजन के बाद दक्षिण दिशा में मौजूद द्वार से निकलकर ब्रह्मालीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर जाएंगे और उनका आशीर्वाद लेंगे.

गोरक्षपीठ मैनेजर द्वारिका तिवारी ने बताया कि आधे घंटे मंदिर के बैठक कक्ष में विश्राम करने के बाद राष्ट्रपति पैदल ही दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में जाएंगे, जहां समारोह का मुख्य महोत्सव आयोजित है. सभागार में 1400 गण्यमान्य लोग मौजूद रहेंगे. उनकी सूची तैयार की गयी है. इसके अलावा 800 लोगों के बैठने का इंतजाम सभागार के बाहर परिसर में किया जा रहा है. जहां बैठे लोग एलईडी स्क्रीन पर कार्यक्रम को देख और सुन सकेंगे. बाहर बैठे लोगों की भी सूची तैयार की जा रही है.

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आयोजक डॉ प्रदीप राव ने बताया कि इस कार्यक्रम में शिरकत वही लोग कर सकेंगे, जिनके पास मंदिर से जारी आमंत्रण पत्र होगा. परंपरागत प्रसाद से ही होगा राष्ट्रपति का स्वागत गुरु गोरक्षनाथ की पूजा-अर्चना और ब्रह्मालीन महंत अवेद्यनाथ का आशीर्वाद ग्रहण करने के बाद राष्ट्रपति करीब 15 मिनट मंदिर के बैठक कक्ष में गुजारेंगे. वहां उनके जलपान का प्रबंध मंदिर द्वारा किया जाएगा. जलपान पूरी तरह से परंपरागत होगा यानी राष्ट्रपति के सामने मंदिर का परंपरागत प्रसाद मट्ठा और पेड़ा पेश किया जाएगा.

मंदिर के सहयोगी दुर्गेश बजाज ने कहा कि संस्थापक सप्ताह समारोह के मुख्य महोत्सव के अवसर पर सप्ताह पर चलने वाली प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाना है. चूंकि राष्ट्रपति की मौजूदगी में कार्यक्रम की अवधि निर्धारित है.सारा कार्यक्रम एक घंटे में सम्पन्न करना है.ऐसे में कुछ मुख्य प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ही राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार हासिल करने का अवसर मिल सकेगा.उन विजेताओं की सूची तैयार की जा रही है, जिन्हें राष्ट्रपति के हाथ से पुरस्कार लेना है.शेष विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत करने का कार्य राष्ट्रपति के जाने बाद सम्पन्न किया जाएगा.

आयोजकर्ता डॉ प्रदीप राव ने कहा कि इस कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में राष्ट्रपति की अगवानी के लिए मौजूद रहेंगे. उनकी सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर प्रदेश के सर्वोच्च अधिकारी लगातार जिला प्रशासन के संपर्क में हैं.राष्ट्रपति सचिवालय से मिलने वाले निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने में मुख्य सचिव स्वयं जुटे हैं.