योगी आदित्यनाथ: गोरखपुर के 'योगी' से 'लखनऊ के निजाम' तक का सफर
योगी ने लोकसभा चुनाव में लगातार पांच बार जीत दर्ज की है। सियासी गलियारों में योगी का राजनीतिक सफर काफी चर्चा में रहा है।
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ताधारी पार्टी बनी बीजेपी की मुख्यमंत्री की तलाश खत्म हुई। योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश बीजेपी विधायक दल का नेता चुन लिया गया है और वह रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से सांसद हैं। योगी पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। सियासी गलियारों में योगी का राजनीतिक सफर काफी चर्चा में रहा है। योगी आदित्यनाथ 26 साल की उम्र से ही सांसद हैं। 2014 में पांचवीं बार लोकसभा चुनाव जीतकर वह संसद पहुंचे हैं। इसके साथ ही गोरखपुर में योगी के समर्थकों की फेहरिस्त बेहद लंबी है।
1998 से शुरू हुआ राजनीतिक सफर
पूर्वांचल में अपनी पैठ स्थापित करने वाले योगी आदित्यनाथ ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत 1998 से की। योगी का असली नाम अजय बिष्ट है, जो उत्तराखंड के मूल निवासी हैं। गढ़वाल यूनिवर्सिटी से बीएससी की पढ़ाई करने वाले योगी को गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने दीक्षा देकर योगी बनाया था।
अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी की शुरुआत हुई। 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे।
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हिंदू युवा वाहिनी का गठन
राजनीति अखाड़े में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली। उन्होंने हिंदुत्व के मुद्दे को धार देने के लिए वर्ष 2002 में हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया था। योगी इस संगठन के संरक्षक हैं। सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाने वाली हिन्दू युवा वाहिनी की पूर्वांचल क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। देश भर में गोरक्षा के दौरान भी इस संगठन की भूमिका देखी जाती रही है।
अपने बयानों को लेकर सुर्खियों का हिस्सा बनने वाले योगी की ताकत लगातार बढ़ती गई। गोरखपुर और आसपास के इलाके में योगी आदित्यनाथ और उनकी हिंदू युवा वाहिनी की तूती बोलती है। इसके अलावा बीजेपी में भी उनकी जबरदस्त धाक बरकरार है।
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बीजेपी से बनते बिगड़ते रिश्ते
लोकसभा चुनाव के दौरान अपने उम्मीदवार न उतारे जाने से नाराज योगी ने बीजेपी के खिलाफ तल्ख रुख अख्तियार कर लिए थे। 2014 के आम चुनाव के दौरान बीजेपी से इनके रिश्तों में खटास की खबरें भी परवान चढ़ी थीं। लेकिन पूर्वांचल में अपनी जमीन एक बार फिर से तलाशने में जुटी बीजेपी को योगी से समझौता करना पड़ा।
राम मंदिर निर्माण के मजबूत पैरोकार
आदित्यनाथ अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के मजबूत पैरोकार हैं। उन्होंने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में भाजपा के हिन्दुत्व अभियान को मथा। कई बार वह पार्टी से बगावती सुर में बोलते दिखे, लेकिन हिन्दू वोटरों पर मजबूत पकड़ की वजह से पार्टी उनकी उपेक्षा नहीं कर पायी। उनमें कुशल नेतृत्व क्षमता भी है।
योगी का जन्म पांच जून 1972 को हुआ था। वह 12वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद थे। गोरखपुर से वह 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में लोकसभा सांसद बने हैं।
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