logo-image

SC/ST कानून के विरोध में बिहार में सवर्णों का हिंसक प्रदर्शन और आगजनी, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

एससी-एसटी एक्ट के विरोध में बिहार में जगह-जगह सवर्ण समुदाय के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

Updated on: 30 Aug 2018, 12:05 PM

पटना:

एससी-एसटी एक्ट के विरोध में बिहार में जगह-जगह सवर्ण समुदाय के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बेगूसराय, गया, बाढ़ जैसे जिलों में सड़कों पर उतरकर सवर्ण एससी-एसटी एक्ट में संसद के संशोधन को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगह इस प्रदर्शन के उग्र और हिंसक होने की भी खबर आ रही है। लोग सड़कों पर पत्थरबाजी भी कर रहे हैं जिसके बाद पुलिस को हालात संभालने के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने कई जगह सड़कों पर जाम लगाकर आगजनी भी की है।

प्रदर्शनकारी सड़कों पर इस दलित कानून और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। बेगूसराय में यह प्रदर्शन भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच की तरफ से किया जा रहा है जिन्होंने आज बिहार बंद भी बुलाया था।

शहर के काली स्थान चौक, बीपी स्कूल चौक सहित कई जगहों पर प्रदर्शनकारी सड़क पर जाम लगाकर विरोध जता रहे हैं। एनएच 28 और एनएच 31 को भी प्रदर्शनकारियो की तरफ से जाम कर दिया गया है।

दूसरी तरफ गया में प्रदर्शन कर रहे सवर्णों के जाम को हटाने पहुंची पुलिस को इनकी नाराजगी का सामना करना पड़ा। पुलिस पर उग्र लोगों ने हमला कर दिया और पत्थरबाजी भी शुरू हो गई। वहीं नालंदा में दलित कानून के विरोध में सवर्णों ने प्रदर्शन किया और मालनदा के एनएच 31 सहति कई सड़कों को जाम कर दिया।

SC/ST पर केंद्र सरकार ने संसद में विधेयक लाकर पलटा सुप्रीम कोर्ट का फैसला

SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए केंद्र सरकार इस मॉनसून सत्र में SC/ST संशोधन विधेयक लेकर आई थी जिसे बाद में वोटिंग के जरिए पास कर दिया गया। विधेयक पर वोटिंग के दौरान एक भी वोट उसके खिलाफ नहीं पड़ा था। सरकार ने विधेयक को पेश करते हुए कहा कि समाज के इस वर्ग को न्याय में हो रही देरी के निवारण के उद्देश्य से इसे लाया गया है।

SC/ST संशोधन विधेयक 2018 बिल के साथ ही SC-ST एक्ट अपने पुराने मूल स्वरूप में आ गया। राज्यसभा में इस बिल के पास होने के बाद राष्ट्रपति ने भी इसे अपनी मंजूरी दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर लगाई थी रोक

एससी/एसटी एक्ट पर दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे में आरोपी के तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में अग्रम जमानत को भी मंजूरी दे दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी बल्कि गिरफ्तारी के लिए अपॉइंटिंग अथॉ़रिटी की मंजूदी को भी अनिवार्य कर दिया और आदेश दिया था कि गैर सरकारी किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी स्तर की अधिकारी की मंजूरी लेनी होगी।