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लोकसभा में सामान्य वर्ग आरक्षण बिल पेश, सरकार बोली- हर धर्म के गरीबों को मिलेगा लाभ

केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने बिल पेश करते हुए कहा कि जो भी जाति एससी, एसटी और ओबीसी में नहीं आती है, उन्हें सामान्य वर्ग आरक्षण का लाभ मिलेगा.

Updated on: 08 Jan 2019, 07:16 PM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार ने लोकसभा में सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान देने वाला बिल पेश कर दिया है. केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने बिल पेश करते हुए कहा कि जो भी जाति एससी, एसटी और ओबीसी में नहीं आती है, उन्हें सामान्य वर्ग आरक्षण का लाभ मिलेगा. साथ ही हर धर्म के गरीबों को सामान्य आरक्षण वर्ग में लाभ मिलेगा. इसमें पटेल, जाट, मुस्लिम, ईसाई और अन्य सभी धर्म के गरीबों को लाभ मिलेगा. गहलोत ने कहा कि एससी-एसटी और ओबीसी के 49.5 फीसदी आरक्षण में कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी.

सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने वाला संविधान 124वां संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने संविधान (124 वां संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को ही इसे मंजूरी प्रदान की है.

विधेयक पेश किये जाने के दौरान समाजवादी पार्टी के कुछ सदस्य अपनी बात रखना चाह रहे थे लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी अनुमति नहीं दी. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण को सोमवार को मंजूरी दी. यह कोटा मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा.

सामान्य वर्ग को अभी आरक्षण हासिल नहीं है. आरक्षण का लाभ उन्हें मिलने की उम्मीद है जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रूपये से कम होगी और 5 एकड़ तक जमीन होगी.