लोक सभा चुनाव से पहले महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं कुशवाहा, बताया राजनीतिक खीर बनाने की प्रक्रिया, तेजस्वी ने भरी हामी
2019 लोक सभा चुनाव से पहले कुशवाहा का बयान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से आरएलएसपी के अलग होने के संकेत दे रहे हैं।
पटना:
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने अपने एक बयान से बिहार के सियासी गलियारों में अटकलबाजियों को हवा दे दी है। 2019 लोक सभा चुनाव से पहले कुशवाहा का बयान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से आरएलएसपी के अलग होने के संकेत दे रहे हैं। इस बयान के बाद उपेंद्र कुशवाहा के महागठबंधन में शामिल होने के पूरे कयास लगाए जा रहे हैं। शनिवार को पटना में आयोजित बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की 100वीं जयंती के अवसर पर कुशवाहा ने राजनीति की यादव और कुशवाहा वाली खीर की थ्योरी दी। लंबे समय से यह भी बताया जा रहा है कि एनडीए के दोनों घटक दलों जेडीयू और आरएलएसपी के बीच आंतरिक बयानबाजी चल रही है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री कुशवाहा ने कहा, 'इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में यादव आए हैं। यदुवंशी (यादव) का दूध और कुशवंशी (कोयरी समुदाय) का चावल मिल जाए तो खीर बढ़िया होगी। और उस स्वादिष्ट व्यंजन को बनने से कोई रोक नहीं सकता है।'
इसके अलावा उन्होंने कहा, 'लेकिन खीर बनाने के लिए सिर्फ दूध और चावल की ही जरूरत नहीं होती है, इसमें दलित-पिछड़े तबकों के रूप में सूखे फलों (पंचमेवा) की भी आवश्यकता होती है। सामाजिक न्याय का यही मतलब होता है।'
Yaduvanshi(Yadavs) ka doodh aur Kushvanshi(Koeri community) ka chawal mil jaye to kheer badhiya hogi. Aur us swadisht vyanjan ko ban ne se koi rok nahi sakta hai: Upendra Kushwaha,Union Minister and Rashtriya Lok Samta Party Chief in Patna (25.8.18) pic.twitter.com/QhuEScEpwi
— ANI (@ANI) August 26, 2018
बता दें कि बिहार में यादव समुदाय परंपरागत रूप से पशुपालन के कार्यों से जुड़े हैं और कुशवाहा जो कि कोयरी समुदाय के होते हैं वे कृषि के कार्यों में लगे होते हैं। बिहार में दोनों जातियां ओबीसी कैटगरी में आती हैं।
कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए का हिस्सा है। इससे पहले भी पिछले महीने कुशवाहा ने पटना में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में हिस्सा नहीं लिया था।
उपेन्द्र कुशवाहा के इस बयान पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर कहा, 'नि:संदेह उपेन्द्र जी, स्वादिष्ट और पौष्टिक खीर श्रमशील लोगों की जरूरत है। पंचमेवा के स्वास्थ्यवर्धक गुण ना केवल शरीर बल्कि स्वस्थ समतामूलक समाज के निर्माण में भी ऊर्जा देते हैं। प्रेमभाव से बनाई गई खीर में पौष्टिकता, स्वाद और ऊर्जा की भरपूर मात्रा होती है। यह एक अच्छा व्यंजन है।'
नि:संदेह उपेन्द्र जी, स्वादिष्ट और पौष्टिक खीर श्रमशील लोगों की ज़रूरत है। पंचमेवा के स्वास्थ्यवर्धक गुण ना केवल शरीर बल्कि स्वस्थ समतामूलक समाज के निर्माण में भी ऊर्जा देते हैं। प्रेमभाव से बनाई गई खीर में पौष्टिकता, स्वाद और ऊर्जा की भरपूर मात्रा होती है। यह एक अच्छा व्यंजन है। https://t.co/cfBR3bBePm
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 26, 2018
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हालांकि दो महीने पहले ही कुशवाहा ने तेजस्वी यादव के महागठबंधन में शामिल होने के निमंत्रण को ठुकराते हुए कहा था कि आरजेडी की जमीन खिसक रही है, इसलिए वे हमें निमंत्रण दे रहे हैं। उन्होंने एनडीए में किसी प्रकार के मतभेद से इनकार करते हुए कहा कि एनडीए पूरी तरह एकजुट है।
वहीं पिछले महीने उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा था नीतीश कुमार करीब 15 वर्ष से बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर हैं, अब उन्हें खुद ही इस पद को छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश ने 15 साल तक बिहार की सेवा की, अब के किसी और व्यक्ति को मौका देना चाहिए।
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उल्लेखनीय है कि इससे कुछ दिन पहले आरएलएसपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नागमणि ने अगले विधानसभा चुनाव में कुशवाहा को एनडीए के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताया था। इसके बाद एनडीए में शमिल जेडीयू और आरएलएसपी आमने-सामने आ गए थे।
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