यूपी: बेटियों की इज्जत बचाने गए उर्दू शायर हाशिम फिरोजाबादी पर मनचलों ने किया एसिड अटैक
यूपी के फिरोजाबाद जिले के प्रसिध्द उर्दू कवि हाशिम फिरोजाबादी को बेटियों के मान को बचाने की कीमत चुकाना पड़ा है. छेड़छाड़ का विरोध करने पर मनचले ने हाशिम के साथ मारपीट की और बाद में उनके ऊपर तेजाब से हमला कर दिया. जिस वजह से वो बुरी तरह झुलस गए.
नई दिल्ली:
एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाश बेटियों को सुरक्षित प्रदेश देने की बात करते है. वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में अपराधी और मनचले बेखौंफ होते नजर आ रहे हैं. यूपी के फिरोजाबाद जिले के प्रसिध्द उर्दू कवि हाशिम फिरोजाबादी को बेटियों के मान को बचाने की कीमत चुकाना पड़ा है. छेड़छाड़ का विरोध करने पर मनचले ने हाशिम के साथ मारपीट की और बाद में उनके ऊपर तेजाब से हमला कर दिया. जिस वजह से वो बुरी तरह झुलस गए.
A man came to me y'day & said he won't send his daughters to school as they're regularly molested by some miscreants who also make obscene phone calls to them. He was scared to go to police & asked me to talk to miscreants. It's a result of my attempt: Hashim Firozabadi pic.twitter.com/PLKXxcpgMQ
— ANI UP (@ANINewsUP) October 21, 2018
दरअसल, एक व्यक्ति ने शायर हाशिम को बताया कि एक मनचला उसकी बेटी को परेशान कर रहा है इसलिए वह बेटी की पढ़ाई छुड़ाने को मजबूर है. हाशिम ने उसे पुलिस के पास जाने की सलाह दी, लेकिन मजबूर पिता ने पुलिस के पास जाने से इंकार कर दिया. इस पर हाशिम ने खुद मनचले को समझाने का निर्णय लिया.
बताया जा रहा है कि इसके बाद शायर हाशिम मनचले को समझाने के लिए उसके घर पहुंचे. मामला इतना बढ़ा गया कि मनचलों ने परिवार के साथ मिलकर हाशिम के परिवार वालों से मारपीट की और उन पर एसिड से हमला कर कर दिया.
घायल हाशिम को लोगों ने अस्पताल में भर्ती करवाया जहां उनका मेडिकल टेस्ट करवाया गया है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामलें की जांच शुरू कर दी है.
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बता दें कि कोर्ट ने एसिड कि बिक्री पर रोक लगा रखी है लेकिन दुकानदार धड़ल्ले से इसे बेच रहे हैं, लेकिन फिर भी लोग इसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं. बाज़ारों में खुले आम अब भी एसिड की बोतले आसानी से बेचीं और खरीदी जा रही है.
एसिड अटैक में कितनी सजा
1. एसिड अटैक में आईपीसी की विभिन्ना धाराओं के मुताबिक कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम आजीवन कारावास और आर्थिक दंड है.
2. अगर कोई शख्स किसी और पर अंग खराब करने या उसे नुकसान पहुंचाने की नियत से ऐसिड फेंकने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा-326 बी के तहत केस दर्ज किया जाएगा.
3. इस मामले में दोषी पाए जाने पर कम-से-कम 5 साल और ज्यादा-से-ज्यादा 7 साल कैद की सजा हो सकती है.
4. आईपीसी की धारा-326 ए के तहत अगर कोई शख्स किसी दूसरे पर एसिड से हमला करता है और इस वजह से उस शख्स के शरीर का अंग खराब होता है या शरीर पर जख्म होता है या जलता है या झुलसता है, तो ऐसे शख्स को दोष साबित होने पर कम-से-कम 10 साल कैद और ज्यादा-से-ज्यादा उम्र कैद की सजा दी जा सकती है.
तेजाब हमले की शिकार दिल्ली की लक्ष्मी की साल 2006 में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने तेजाब की बिक्री सहित विभिन्न मुद्दों पर कई अंतरिम दिशानिर्देश जारी किया था।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरों (एनसीआरबी) के मुताबिक़, साल 2015 में सबसे ज्यादा एसिड अटैक उत्तर प्रदेश में हुए है. एनसीआरबी के मुताबिक देश भर में तेजाब हमले में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
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