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राम मंदिर के मुद्दे पर केशव प्रसाद ने दिया बाबरी एक्शन कमिटी को जवाब, कहा- कुछ और मंजूर नहीं

अब बाबरी एक्शन कमेटी (Babri Action Committee) के इस बयान पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने पलटवार किया है.

Updated on: 21 Jun 2019, 06:31 PM

नई दिल्ली:

ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी (एआईबीएमएसी) ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर आरोप लगाया कि वह संविधान और न्यायालय में दायर स्वलिखित निवेदन के खिलाफ जाकर एक समुदाय विशेष के लिए काम कर रही है. अब बाबरी एक्शन कमेटी (Babri Action Committee) के इस बयान पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने पलटवार किया है. केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने कहा कि राम मंदिर (Ram Temple) हर हाल में बनकर रहेगा.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) अपने परिजनों से मिलने पैतृक आवास सिराथू पहुंचे थे जहां मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने ने कहा कि राम मंदिर (Ram Temple) का निर्माण हर हाल में होकर रहेगा. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आये या फिर आपसी समझौता हो मंदिर बनकर रहेगा.

डिप्टी सीएम ने कहा कि पूरे प्रदेश का विकास अपनी रफ्तार से हो रहा है और राम मंदिर (Ram Temple) का निर्माण भी अपनी रफ्तार से होगा.

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गौरतलब हो कि बाबरी एक्शन कमेटी (Babri Action Committee) ने बयान जारी कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अलावा उन्हें कोई दूसरा फैसला मान्य नहीं है.

एआईबीएमएसी ने बताया कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने जो बयान दिया था, वह राम जन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद मामले पर चल रही न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ है.

एआईबीएमएसी ने कहा, '1950 में अदालत में एक लिखित बयान में उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वीकार किया कि 'नमाज' अदा करने के उद्देश्य से बाबरी मस्जिद पिछले कुछ सालों से उपयोग में है और हिदुओं द्वारा इस परिसर में कोई पूजा आयोजित नहीं की गई है. वर्तमान सरकार अपने बयान के अनुरूप काम नहीं कर रही है.'

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एआईबीएमएसी नेआगे यह भी कहा, 'ऐसा लगता है, मानो राज्य सरकार इसे एक विशेष धर्म के लोगों की सरकार मानती हो. यह असंवैधानिक है.'

बता दें कि इससे पहले भी केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने भी अयोध्या में कहा था कि यदि मुद्दे को बातचीत के माध्यम से या अदालत द्वारा हल नहीं किया जाता तो सरकार राम मंदिर (Ram Temple) बनाने के लिए एक कानून लाएगी.