अगर राज्यसभा में होता बहुमत तो शुरू हो चुका होता राम मंदिर का निर्माण: केशव प्रसाद मौर्य
उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हमारे पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में संख्याबल नहीं है।
नई दिल्ली:
2019 के लोकसभा चुनावों से पहले एक बार फिर अयोध्या में विवादित भूमि पर राम मंदिर के निर्माण को लेकर बयानों का दौर शुरू हो गया है। यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने दावा किया है कि अगर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास राज्यसभा में संख्याबल होता तो कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया गया होता।
उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हमारे पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में संख्याबल नहीं है। संख्याबल नहीं होने के कारण यह उचित समय नहीं है कि हम कानून बनाकर राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराएं।
गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि उनकी सरकार अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है फिर चाहे इसके लिए संसद का सहारा ही क्यों न लेना पड़े।
We're waiting for SC's judgement. We've majority in Lok Sabha,but we don't have the numbers in Rajya Sabha to pass a bill. This is not the time to select this option & we don't have the no.s either: UP Dy CM KP Maurya on his earlier statement on Ram temple construction in Ayodhya pic.twitter.com/1vqife91rr
— ANI UP (@ANINewsUP) August 21, 2018
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, 'जब दोनों विकल्प खत्म हो जाएंगे तो तीसरा विकल्प संसद से राम मंदिर निर्माण कराने की दिशा में बढ़ेंगे। हालांकि, अभी यह मुद्दा माननीय सुप्रीम कोर्ट के पास है। आपसी सहमति समेत दोनों विकल्पों से बात न बनने पर यही रास्ता शेष रह जाएगा।'
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, 'जब दोनों विकल्प समाप्त होते हैं फिर हम तीसरे विकल्प की ओर बढ़ेंगे। कोर्ट से बात नहीं बनी तो संसद के रास्ते इसका हल निकाला जाएगा।'
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि तुष्टीकरण की राजनीति ने राम मंदिर को लंबे समय तक रोककर रखा। विश्व हिंदू परिषद ने जब आंदोलन किया तब जाकर ताला खुला। हम लोग सर्वोच्च न्यायालय से अपील और अपेक्षा करते हैं कि जल्द से जल्द इस मामले में निर्णय आए। हर राम भक्त की यही इच्छा है कि राम मंदिर बने। भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रस्ताव पास करके रखा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस मंदिर निर्माण का विरोध करती रहती है। राम जन्मभूमि का मामला न 2019 के बाद का मामला है न पहले का है। राम जन्मभूमि का मामला राम जन्मभूमि का है।
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