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उन्नाव रेप केस में SC सीबीआई जांच वाली याचिका पर अगले हफ़्ते करेगी सुनवाई

आरोपी बीजेपी विधायक की पत्नी बार बार ये मांग कर रही थी कि कोर्ट इस मामले में विधायक और 18 वर्षीय पीड़िता का नार्को टेस्ट करवाने का आदेश जारी करे।

Updated on: 11 Apr 2018, 10:15 PM

नई दिल्ली:

उन्नाव रेप केस को लेकर चल रहे हंगामे के बीच बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच कराने वाली याचिका की सुनवाई अगले हफ्ते करने का फैसला किया है। हालांकि आरोपी बीजेपी विधायक की पत्नी बार बार ये मांग कर रही थी कि कोर्ट इस मामले में विधायक और 18 वर्षीय पीड़िता का नार्को टेस्ट करवाने का आदेश जारी करे।

कांग्रेस ने इस मामले को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए पूछा कि संसद में विपक्षियों के हंगामे के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपवास कर रहे हैं तो क्या उन्नाव रेप केस मामले में जिस तरह से उत्तर प्रदेश पुलिस हिरासत में पीड़िता के पिता की हत्या हुई है इसको लेकर भी प्रधानमंत्री उपवास रखेंगे।

राहुल गांधी ने बुधवार को ट्विटर पर लिखा, 'UP में अपनी बेटी के लिए न्याय की गुहार कर रहे एक पिता पर हुई बर्बरता ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। आशा है कि प्रधानमंत्रीजी भाजपा शासन में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, कानून तंत्र की विफलता और बढ़ती अराजकता के लिए भी जल्द ही उपवास रखेंगे।'

वहीं दूसरी तरफ इलाहाबाद हाई कोर्ट नें योगी सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि सरकार का इस मामले को लेकर क्या कहना है। अगली सुनवाई अब गुरुवार को होगी।

बता दें कि उन्नाव के माखी थानाक्षेत्र की रहने वाली 18 साल की एक लड़की ने उन्नाव के बांगरमऊ सीट से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाईयों समेत कुल पांच लोगों पर आरोप लगाया कि जून 2017 में उन्होंने उसे बंधक बनाकर कई बार रेप किया।

इतना ही नहीं जब थाने में आरोपी विधायक के खिलाफ तहरीर दी, तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

इससे पहले पीड़िता ने 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ स्थित आवास पर अपने परिवार के साथ सामूहिक आत्महत्या करने की कोशिश की थी।

जिसके बाद सोमवार को बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाने वाली युवती के पिता की मौत तड़के सुबह पुलिस हिरासत में हो गई।

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पीड़ित परिवार ने बीजेपी विधायक और उसके भाई अतुल सिंह सेंगर पर पुलिस की मिलीभगत से हत्या करने का आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार के अनुसार मृतक विधायक के गुर्गों ने तीन अप्रैल को उनकी पिटाई की थी और पुलिस से मिलकर उन्हें जेल भिजवा दिया था।

मंगलवार को गैंगरेप के मामले में पुलिस ने बीजपी विधायक को गिरफ्तार किया था। मामले की तहकीकात के लिए मंगलवार को ही एसआईटी (विशेष जांच टीम) गठित की गई।

एसआईटी के पहले दिन की जांच पर डीआईजी प्रवीण कुमार ने कहा, 'एसआईटी ने अपराध के घटनास्थल का मुआयना किया है। पीड़ित और आरोपी दोनों पक्षों के साथ बातचीत की गई है। स्थानीय अधिकारियों से भी सूचना इकट्ठा की गई है। डीजीपी के सामने प्रारंभिक जांच को सामने रखने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।'

जिसके बाद कांग्रेस ने कहा कि यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि योगी सरकार ने पूर्व बीजेपी मंत्री के खिलाफ लगे रेप के आरोप को हटा लिया। इससे राज्य में अपराधियों को बढ़ावा मिलेगा और महिला सुरक्षा खतरे में डाला जा रहा है जिससे राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले बढ़े हैं।

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