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मसूद अजहर पर कसेगा सबसे बड़ा शिकंजा, UNSC आज घोषित करेगा वैश्विक आतंकी!, चीन पर है नजर

पिछली बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की राह में बाधा बनने वाले चीन ने भी सुरक्षा परिषद में रखे गए इस प्रस्ताव के खिलाफ अब तक आपत्ति दर्ज नहीं कराई है.

Updated on: 13 Mar 2019, 12:14 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने और उस पर प्रतिबंध लगाने पर संयुक्त राष्ट्र बुधवार को फैसला कर सकता है. अजहर को यूएन द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करवाने में भारत पूरा प्रयास कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराने का आज (13 मार्च) आखिरी दिन है और अब तक किसी सदस्य ने ऐसा कदम नहीं उठाया है. पिछली बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की राह में बाधा बनने वाले चीन ने भी सुरक्षा परिषद में रखे गए इस प्रस्ताव के खिलाफ अब तक आपत्ति दर्ज नहीं कराई है.

वैश्विक आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया में आपत्ति दर्ज कराने की समयसीमा बुधवार को 3 बजे (भारतीय समयानुसार- गुरुवार रात 12:30 बजे) है, अगर इतने समय में कोई विरोध नहीं आता है तो यह स्वत: निर्णय हो जाएगा. सभी देशों की नजरें चीन पर टिकी हैं.

भारत में 2001 के संसद हमले से लेकर पठानकोट एयरबेस हमला, जम्मू और उरी में आर्मी कैंप पर हमले और पिछले महीने पुलवामा में हुए भीषण आत्मघाती हमले में शामिल रहने वाले आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए अमेरिका भी पुरजोर कोशिश कर रहा है.

अमेरिका ने कहा है कि जैश प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी नहीं घोषित करना क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति के खिलाफ होगा. संयुक्त राष्ट्र के अहम फैसले से एक दिन पहले ट्रंप प्रशासन ने कहा कि अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए काफी सबूत हैं.

अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 15 सदस्यीय (5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति को कहा कि मसूद अजहर के हथियारों पर व्यापारिक रोक, वैश्विक यात्रा पर रोक और संपत्ति जब्त किया जाय.

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मसूद अजहर को अगर वैश्विक आतंकी घोषित किया जाता है तो यह भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत होगी, क्योंकि पाकिस्तान आतंकवाद पर लगातार दोहरा रवैया अपनाता रहा है और इसके खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकता रहता है. अगर चीन इसमें अड़ंगा नहीं डालता है तो यह प्रस्ताव पास हो जाएगा, वहीं UNSC के एक और स्थायी सदस्य रूस भी इस पर समर्थन देने के पक्ष में है.

इससे पहले भी 2017 में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के पास पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन के प्रमुख पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्ताव लाया था, हालांकि चीन ने इसका विरोध किया था.

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चीन ने पिछले साल अक्टूबर में भी कहा था कि वह भारत को कई बार बता चुका है कि पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में उसे दिक्कतें हैं और वह इस मामले में अपने आप संज्ञान लेगा.

मसूद अजहर के खिलाफ यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भीषण आत्मघाती हमले में 40 भारतीय जवानों के शहादत के एक महीने बाद हो रही है. इस क्रूर हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. चीन ने भी इस हमले की निंदा की थी और आतंक के खिलाफ लड़ाई में प्रतिबद्धता जताई.