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RBI और सरकार के बीच तकरार पर बोले पीयूष गोयल, 'सिर्फ कांग्रेस को दिखता है तनाव'

सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में किसी भी तरह के तनाव की बात से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को साफ इंकार किया.

Updated on: 19 Nov 2018, 09:45 PM

नई दिल्ली:

सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में किसी भी तरह के तनाव की बात से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को साफ इंकार किया. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश के प्रति केंद्रीय बैंक की जिम्मेदारियों को लेकर आरबीआई के निदेशक मंडल के सदस्यों के बीच चर्चा होने में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. आरबीआई निदेशक मंडल की सोमवार को हो रही अहम बैठक के बीच गोयल ने यहां मीडिया के एक सवाल पर कहा, 'हमें सरकार और आरबीआई में कोई तनाव नहीं दिखायी दे रहा है. यह तनाव केवल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और आप लोगों (मीडिया) को दिखायी दे रहा है.' उन्होंने कहा, 'सरकार की ओर से पहले ही स्पष्टीकरण आ चुका है कि उसने आरबीआई के आरक्षित कोष से एक रुपया भी नहीं मांगा है.' 

गोयल ने हालांकि, कहा कि एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्थान के रूप में आरबीआई की देश के प्रति कुछ जिम्मेदारियां भी हैं. अगर इन जिम्मेदारियों पर केंद्रीय बैंक का निदेशक मंडल राष्ट्रहित में चर्चा करता है, तो किसी भी व्यक्ति को इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिये. केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष के इस आरोप को खारिज किया कि नरेंद्र मोदी सरकार आरबीआई को बर्बाद करने की कोशिश कर रही है.

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गोयल ने पलटवार करते हुए कहा, 'कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने देश की हर संवैधानिक संस्था का अपमान किया है. सब जानते हैं कि इन सरकारों ने गुजरे बरसों में आरबीआई गवर्नरों को केंद्रीय बैंक से किस तरह बाहर निकाला है.' केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'आरबीआई के निदेशक मंडल की बैठक समय-समय पर होती रहती है. इसमें राहुल को इतनी दिक्कत क्यों हो रही है? शायद राहुल को कॉर्पोरेट प्रशासन की कम जानकारी है.'

 गोयल के पास रेल मंत्रालय के साथ कोयला मंत्रालय भी है. इससे पहले कुछ समय के लिये वह वित्त मंत्रालय का कामकाज भी देख चुके हैं. मध्यप्रदेश के चुनावी दौरे पर आये रेल मंत्री ने बताया कि केन्द्र की मौजूदा एनडीए सरकार के कार्यकाल में सूबे को रेलवे की ओर से अब तक 21,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. यह रकम पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के राज में सूबे को वर्ष 2009 से 2014 के बीच आवंटित 3,200 करोड़ रुपये से करीब साढ़े छह गुना ज्यादा है.