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केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले, कृषि निर्यात को मोदी सरकार ने दी हरी झंडी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए

Updated on: 06 Dec 2018, 11:54 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने बैठक के बाद बताया कि साल 2022 तक किसानों की आय दोगुणी करने के मकदस से कैबिनेट ने कृषि निर्यात नीति को हरी झंडी दे दी है. उन्होंने कहा, 'आज हमारे कुल कृषि निर्यात में चावल, समुद्री उत्पाद और गोश्त जैसे तीन ही उत्पादों का योगदान 52 फीसदी है. इसलिए हमें इसमें विविधता लानी होगी और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं. हम जैविक, नस्ली और देसी उत्पादों को प्रमुखता से प्रोत्साहन देंगे.' मंत्री ने कहा कि प्याज जैसे घरेलू जरूरतों के कुछ प्रमुख कृषि उत्पादों को छोड़कर सभी जैविक और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों से निर्यात प्रतिबंध हटा लिया जाएगा. 

आधिकारिक बयान के अनुसार, सरकार ने कृषि निर्यात दोगुना करने और भारतीय किसानों और कृषि उत्पादों को वैश्विक मूल्य श्रंखला से जोड़ने के मकसद से व्यापक कृषि निर्यात नीति बनाई है. इस नीति का मकसद अगले कुछ साल में 100 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल करना है

इसके अलावा ने केंद्रीय कैबिनेट ने पंजाब में रावी नदी पर शाहपुरकंदी बांध के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है. इस बांध के निर्माण से पाकिस्तान को नुकसान होगा और वर्तमान में पाकिस्तान को रावी नदी से मिलने वाले पानी में कमी आएगी.

इन दो बड़े फैसलों के अलावा केंद्र सरकार ने कैबिनेट बैठक में जलियावाला बाग राष्ट्रीय स्मारक अधिनियम 1951 के संशोधन को भी मंजूरी दे दी है.

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केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इंटरडिशनलरी साइबर-भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन के तहत 15 प्रौद्योगिकी संस्थान जो ऩई खोजों पर आधारित होगा, 6 एप्लीकेशन हब और 4 प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र बनाने का फैसला भी किया है.

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कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री जेटली ने बताया कि सीसीईए ने आरईसी में सरकार की 52.63 प्रतिशत हिस्सेदारी, प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के पीएफसी को बेचने की भी मंजूरीदे दी है. इसके अलावा कैबिनेट की तरफ से नैशनल पेंशन स्कीम में बदलाव को भी मंजूरी दे दी है. स्कीम में पुरानी सुविधाएं शामिल होंगी.