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राम मंदिर पर बीजेपी का एकाधिकार नहीं, ओवैसी और आजम खान भी आएं साथ : उमा भारती

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने को लेकर रविवार को आयोजित हुई शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की रैली को केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने समर्थन दिया और उनकी तारीफ की.

Updated on: 26 Nov 2018, 01:01 PM

नई दिल्ली:

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने को लेकर रविवार को आयोजित हुई शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की रैली को केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने समर्थन दिया और उनकी तारीफ की. उमा भारती ने कहा कि वे उद्धव ठाकरे के इस प्रयास की सराहना करती हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हां, मैं उद्धव ठाकरे के इस प्रयास की सराहना करती हूं. राम मंदिर पर किसी का एकाधिकार नहीं है, भगवान राम सबके हैं. मैं समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, अकाली दल, ओवैसी, आजम खान सहित सबसे आगे आने और मंदिर के निर्माण के लिए समर्थन करने की अपील करती हूं.'

मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए आई उमा भारती ने सोमवार को कहा, 'मोहन भागवत हमारे परिवार के मुखिया हैं, हम सब उनकी बातों का अनुसरण करते हैं, लेकिन यह सत्य है कि उत्तर प्रदेश में योगी जी की सरकार है और केंद्र में मोदी जी की सरकार है, अब राम मंदिर नहीं बनाने के लिए हमारे पास कोई बहाना नहीं है.'

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को कहा था कि धैर्य का समय अब खत्म हुआ और अगर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मामला उच्चतम न्यायालय की प्राथमिकता में नहीं है तो मंदिर निर्माण कार्य के लिए कानून लाना चाहिए.

हालांकि रविवार को ही मध्य प्रदेश में बीजेपी प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार के दौरान उमा भारती ने उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए कहा अब तो कोई भी अयोध्या जा रहा है. उन्होंने कहा था, 'मैं तो उस समय अयोध्या गई थी जब मुलायम सिंह ने कहा था कि उमा भारती आए तो उसके पैरों में गोली मार दी जाए. तब मैंने कहा था कि मां का ढूध पिया हो तो मुझे रोक कर दिखाए.'

इससे पहले सितंबर में इसी मामले से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद उमा भारती ने कहा था कि यह धार्मिक विवाद का मामला नहीं है. यह हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धामिक स्थल है क्योंकि यह राम जन्मभूमि है. लेकिन मुस्लिमों के लिए यह धार्मिक जगह नहीं है, उनके लिए मक्का है. इस मामले को पैदा किया गया था और अंतत: यह एक जमीन विवाद में बदल गया.

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बता दें कि 25 नवंबर को उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए कहा, 'अगर नरेंद्र मोदी सरकार इसे लेकर इस बार दुविधा में रही तो वह 2019 में सत्ता में नहीं आ पाएगी. उन्होंने कहा, 'सरकार बने या न बने, मंदिर जरूर बनना चाहिए.'

शिवसेना सुप्रीमो ने कहा कि इस मामले में किसी को भी हिंदुओं की भावनाओं के साथ नहीं खेलना चाहिए. ठाकरे ने कहा, 'हिंदुओं को पीटे जाने की बात अब अतीत हो चुकी है, हिंदू अब शक्तिशाली हैं और उनके पास आवाज है.'

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शिवसेना प्रमुख ने फिर दोहराया कि उनकी पार्टी अयोध्या में भव्य राम मंदिर के जल्द निर्माण को लेकर प्रतिबद्ध है और कहा कि केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण के लिए विधेयक या अध्यादेश लाना चहिए, उनकी पार्टी इसके लिए पूरा समर्थन करेगी.